चमत्‍कार : इजराइली डॉक्टरों की बड़ी कामयाबी, हादसे में लगभग अलग हो चुका बच्चे के सिर को फिर से जोड़ा

Rozanaspokesman

विदेश, अमरिका

डॉक्टरों ने 12 साल के एक लड़के का सिर दोबारा जोड़ दिया है जो पुरी तरह से अलग हो गया था. 

MIRACLE IN ISRAEL: Doctors Reattach The Boy’s Severed Head

इजरायल के डॉक्‍टरों ने एक ऐसा चमत्‍कार कर दिखाया है जो पुराने समय में भगवान की कथा-कहानियों में हुआ करती थी. हम बच्चपन से ही भगवान गणेश की ये कहानी सुनते आए है कि भगवान शंकर ने उनका सिर धड़ से अलग कर दिया था और फिर उसे जोड़ भी दिया था. यहां पर भी कुछ ऐसे ही हुआ है.  डॉक्टरों ने 12 साल के एक लड़के का सिर दोबारा जोड़ दिया है जो पुरी तरह से अलग हो गया था. 

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुलेमान हसन का एक्सीडेंट हो गया था, साइकिल चलाते समय उन्हें एक कार ने टक्कर मार दी थी, जिसके बाद बच्चे का  सिर गर्दन से अंदरूनी तौर पर पुरी तरह अलग हो गया था. यह सिर्फ त्‍वचा से जुड़ा हुआ था. इस स्थिति को चिकित्सा विज्ञान में आंतरिक कठोरता कहा जाता है।

इस आंतरिक घाव के कारण सिर रीढ़ की हड्डी के ऊपरी हिस्से से अलग हो जाता है लेकिन त्वचा से बाहरी रूप से जुड़ा रहता है। दूसरे शब्दों में, यह एक ऐसी स्थिति है जहां सिर को रीढ़ की हड्डी के ऊपरी हिस्से से जोड़ने वाली मांसपेशियां एक जोरदार झटके से फट जाती हैं।

डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रकार की चोट बहुत दुर्लभ है। ऐसी रीढ़ की हड्डी की चोट की घटना एक प्रतिशत से भी कम है। हालाँकि, आंतरिक सिर काटने के मामले कम रिपोर्ट किए जाते हैं क्योंकि 70 प्रतिशत पीड़ितों की घटनास्थल पर या अस्पताल ले जाते समय मौत हो जाती है।

टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना पिछले महीने जून की है, लेकिन डॉक्टरों ने जुलाई तक इस घटना को सार्वजनिक नहीं किया. डॉक्टरों का कहना है कि सुलेमान हसन का ठीक होना किसी चमत्कार से कम नहीं है क्योंकि उनके बचने की संभावना बहुत कम थी। ये सर्जरी कई घंटों तक चली. फिलहाल सुलेमान को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है.

डॉक्टरों ने बताया कि सर्जरी के दौरान उन्होंने सुलेमान के सिर को रीढ़ की हड्डी से जोड़ने के लिए रॉड, स्क्रू, प्लेट और बोन ग्राफ्ट का इस्तेमाल किया. उन्होंने कहा कि यह सर्जरी इसलिए संभव हो सकी क्योंकि सड़क दुर्घटना में सुलेमान की मुख्य नसें क्षतिग्रस्त नहीं हुई थीं. इससे दिमाग में ब्लड सर्कुलेशन अच्छे से होता था। अन्यथा वह ब्रेन डेड हो जाता और मौके पर ही मर जाता।

सर्जरी करने वाले हडासा मेडिकल सेंटर के डॉ. डॉ. ओहद इनाव और डॉ. ज़िव आसा ने कहा कि सुलेमान को कोई न्यूरोलॉजिकल कमी या संवेदी समस्या नहीं थी। उनके शरीर में कोई कमजोरी नहीं है और वह बिना किसी मदद के चल सकते हैं लेकिन उन्हें कुछ समय के लिए फिजियोथेरेपी दी जाएगी. तभी वह अपना सिर और गर्दन हिला सकेगा।