America News: अमेरिका की एक निजी कंपनी ने चंद्रमा पर पहला वाणिज्यिक अंतरिक्षयान उतार कर रचा इतिहास

विदेश, अमरिका

यह 50 से अधिक वर्ष में चंद्रमा पर पहुंचने वाला अमेरिका का पहला अंतरिक्षयान भी बन गया है।

A private American company created history by landing the first commercial spacecraft on the Moon

A private American company created history by landing the first commercial spacecraft on the Moon News In Hindi: अमेरिका की एक निजी कंपनी ने चंद्रमा पर पहला वाणिज्यिक अंतरिक्षयान उतार कर इतिहास रच दिया है और यह 50 से अधिक वर्ष में चंद्रमा पर पहुंचने वाला अमेरिका का पहला अंतरिक्षयान भी बन गया है।

‘इंटुएटिव मशीन्स’ द्वारा निर्मित लैंडर ‘ओडीसियस’ बृहस्पतिवार शाम को चंद्रमा की सतह पर उतरा और इसी के साथ ही यह 1972 में अपोलो17 मिशन के बाद चंद्रमा पर पहुंचने वाला पहला अमेरिकी अंतरिक्षयान बन गया है।

अमेरिकी अंतरिक्ष ऐंजेसी नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने ह्यूस्टन की कंपनी इंटुएटिव मशीन्स द्वारा ओडीसियस लैंडर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतारे जाने के बाद कहा, ‘‘आज आधी सदी में पहली बार अमेरिका चंद्रमा पर दोबारा पहुंचा है।’’.

इस लैंडर के जरिए नासा के कई वैज्ञानिक उपकरण भी भेजे गए हैं।

नेल्सन ने कहा, ‘‘यह अंतरिक्ष में विज्ञान, नवाचार और अमेरिकी नेतृत्व के सपने को भी साथ ले गया है...।’’

उड़ान निदेशक एवं मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी टिम क्रैन ने कहा, ‘‘ हम बिना शक यह पुष्टि कर सकते हैं कि हमारा उपकरण चंद्रमा की सतह पर है और हमें संचार मिल रहे हैं।’’

एनसीबी ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि अंतरिक्ष यान के लैंड करने के दौरान मिशन कंट्रोलर से उसका संपर्क टूट गया और उम्मीद है कि संपर्क फिर स्थापित होगा।

कंपनी ‘इंटुएटिव मशीन्स’ ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि की जानकारी देते हुए कहा कहा, ‘‘ संचार में दिक्कत को दूर करने के बाद फ्लाइट कंट्रोलर्स ने इस बात की पुष्टि की कि ओडीसियस ठीक है और आंकड़े भेजना शुरू कर रहा है। फिलहाल हम चंद्रमा की सतह से भेजी गई पहली तस्वीर को ‘डाउनलिंक’ करने की दिशा में काम कर रहे हैं।’’.

वहीं कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्टीव अल्टेमस ने कहा, ‘‘मुझे पता है कि आगे की राह स्पष्ट नहीं है लेकिन हम सतह पर हैं और संचार प्राप्त कर रहे हैं। चंद्रमा पर स्वागत है।’’

एबीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि लैंडिग स्थल पर अभी अंधेरा होने में सात दिन का वक्त है। इसके बाद अंतरिक्षयान के सौर पैनल सूरज की रोशनी से ऊर्जा हासिल नहीं कर पाएंगे और वहां तापमान शून्य से कई डिग्री नीचे चला जाएगा।

नेल्सन ने कहा, ‘‘ आज मानवता के इतिहास में पहली बार एक वाणिज्यिक कंपनी, एक अमेरिकी कंपनी ने वहां तक की यात्रा की और आज का दिन नासा की वाणिज्यिक साझेदारी की शक्ति और वादे को दर्शाता है।’’(pti)

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