किंग चार्ल्स के राज्याभिषेक में शामिल नहीं होगा कोहिनूर हीरा, भारत की वजह से लिया फैसला
आगामी छह मई को किंग चार्ल्स तृतीय और महारानी कैमिला का राज्याभिषेक होना है.
लंदन: बकिंघम पैलेस ने अगले महीने किंग चार्ल्स III और क्वीन कैमिला के राज्याभिषेक का हिस्सा नहीं बनने का फैसला किया है, पैलेस ने यह फैसला इसलिए लिया है क्योंकि उन्हें इस बात का डर है कि कोहिनूर को लेकर विवाद खड़ा हो सकता है. जाहिर तौर पर भारत द्वारा दावा किए गए औपनिवेशिक काल के कोहिनूर हीरे के विवाद से वो सावधानी बरत रहे हैं। ब्रिटिश शाही परिवार से जुड़े मामलों के विशेषज्ञ ने यह जानकारी दी।
क्वीन कैमिला ने 6 मई के राज्याभिषेक समारोह के लिए बकिंघम पैलेस से निकाले गए शाही गहनों को बदलने के लिए क्वीन मैरी के मुकुट को चुना है। टोमिनेय ने कहा, "मुझे लगता है कि बकिंघम पैलेस कोहिनूर के विवाद से अवगत था और उसने हीरे की उत्पत्ति की कहानी को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया।" इस महीने की शुरुआत में, महल ने कहा कि क्वीन मैरी के मुकुट में मामूली बदलाव किए जा रहे हैं, जैसे कि कलिनन को जोड़ना -3, 4 और 5 हीरे, जो कई वर्षों से महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निजी आभूषण संग्रह का हिस्सा रहे हैं। .
डिजाइन क्वीन एलेक्जेंड्रा के 1902 के मुकुट से प्रेरित है, जो मूल रूप से कोहिनूर से जड़ी है, जो 1937 से महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मां, महारानी एलिजाबेथ के ताज में है।
गौरतलब है कि भारत कोहिनूर पर अपना दावा जताता रहा है। साथ ही समय समय पर इसे भारत लाने की मांग उठती रहती है. बाताते चले कि कोहिनूर पर पाकिस्तान और बांग्लादेश भी दावा जताते हैं.
ऐसा दावा किया जाता है कि इसे भारत के अंतिम सिख सम्राट दलीप सिंह ने महारानी विक्टोरिया को गिफ्ट में दिया था. भारत के इस अनमोल ताज में 2,800 हीरे हैं, जिनमें 105 कैरेट का प्रसिद्ध कोहिनूर भी जड़ा हुआ है. यह दुनिया के सबसे बड़े कटे हुए हीरों में से एक है. भारत में इसे लेकर समय समय पर मांग उठती रहती है.