‘थर्ड वर्ल्ड कंट्रीज’से आव्रजन रोकने का ट्रंप का फैसला, क्या भारत भी शामिल?
डोनाल्ड ट्रंप ने थर्ड वर्ल्ड देशों के लोगों पर सख्ती बढ़ाने का ऐलान किया है।
Donald Trump News: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि वे सभी ‘थर्ड वर्ल्ड देशों’के लोगों का अमेरिका में प्रवास स्थायी रूप से रोक देंगे। ट्रंप ने बताया कि उनका प्रशासन यह कदम इसलिए उठा रहा है ताकि अमेरिका पूरी तरह से आर्थिक और सामाजिक रूप से रिकवर कर सके और बाइडेन प्रशासन के दौरान अवैध रूप से अमेरिका प्रवेश करने वाले प्रवासियों को निकाला जा सके।
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’पर एक पोस्ट में लिखा कि इस कदम का उद्देश्य है: गैर-नागरिकों को दिए जाने वाले सभी संघीय लाभ और सब्सिडी समाप्त करना, उन प्रवासियों की नागरिकता खत्म करना जो घरेलू शांति में बाधा डाल रहे हैं, और उन विदेशी नागरिकों को निर्वासित करना जो देश पर बोझ हैं, सुरक्षा के लिए खतरा हैं या पश्चिमी सभ्यता के अनुरूप नहीं हैं।
ट्रंप ने यह घोषणा ऐसे समय में की है जब व्हाइट हाउस में हुई गोलीबारी में नेशनल गार्ड के दो सदस्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे। घायलों में से एक की इलाज के दौरान मौत हो गई, जबकि दूसरे की हालत गंभीर बनी हुई है। जांचकर्ताओं के अनुसार, यह हमला एक अफगान नागरिक ने किया, जो बाइडेन प्रशासन के दौरान अपने परिवार के साथ अमेरिका आया था।
क्या हैं 'थर्ड वर्ल्ड कंट्रीज'
यह स्पष्ट नहीं है कि ट्रंप जब ‘थर्ड वर्ल्ड देशों’ की बात कर रहे हैं तो उनका क्या मतलब है, क्योंकि यह एक पुराना शब्द है। शीत युद्ध (Cold War) के दौरान इसे उन देशों के लिए इस्तेमाल किया जाता था जो न तो अमेरिका के साथ थे और न ही सोवियत संघ के साथ। उस समय अमेरिका के सहयोगी देशों को फर्स्ट वर्ल्ड, और सोवियत संघ के समर्थक देशों को सेकंड वर्ल्ड कहा जाता था। भारत उस समय थर्ड वर्ल्ड देश माना जाता था क्योंकि यह गुटनिरपेक्ष था।
1991 में सोवियत संघ के टूटने के बाद इस शब्द का मूल राजनीतिक उद्देश्य समाप्त हो गया। आधुनिक समय में इसका प्रयोग आम तौर पर उन देशों के लिए किया जाता है जो आर्थिक रूप से पिछड़े हैं या अभी विकास की प्रक्रिया में हैं। आज जिन देशों को थर्ड वर्ल्ड कहा जाता है, उनमें अक्सर उच्च गरीबी स्तर, राजनीतिक या आर्थिक अस्थिरता, और अधिक मृत्यु दर देखने को मिलती है। इनमें से कई देश औद्योगिक नहीं हैं या हाल ही में औद्योगिकरण की ओर बढ़ रहे हैं।
चूंकि शीत युद्ध के दौरान और बाद में आर्थिक संदर्भ में इस शब्द का अर्थ अलग था, इसलिए आज भी यह भ्रम बना रहता है कि वास्तव में किन देशों को इस श्रेणी में माना जाना चाहिए।
क्या भारत ‘थर्ड वर्ल्ड’ देशों की सूची में है?
सॉवी (Sauvy) की मूल शीत युद्ध अवधारणा के अनुसार, भारत गुटनिरपेक्ष देशों में था, इसलिए ऐतिहासिक दृष्टि से इसे उस श्रेणी में रखा जा सकता है। आधुनिक लेकिन विवादित आर्थिक व्याख्या के अनुसार, भारत को आम तौर पर विकासशील देश (Developing Country)माना जाता है, और यह LDCs (सबसे कम विकसित देशों) में शामिल नहीं है। इसलिए भारत संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित 44 सबसे कम विकसित देशों की सूची में नहीं है।
हालांकि, ट्रंप ने इस शब्द को किसी नीति या स्पष्ट परिभाषा के रूप में नहीं बताया है, इसलिए उनके बयान से यह तय नहीं होता कि आव्रजन रोकथाम (immigration halt) में भारत शामिल होगा या नहीं।
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