बच्चों पर सशस्त्र संघर्ष के प्रभाव पर UNSG की रिपोर्ट से हटाया गया भारत का नाम

Rozanaspokesman

विदेश, अमरिका

भारत का नाम 2023 की रिपोर्ट से हटा दिया गया है।’’

India removed from UNSG report on impact of armed conflict on children

संयुक्त राष्ट्र:  संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने ‘‘बच्चों की बेहतर सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों’’ का हवाला देते हुए बच्चों पर सशस्त्र संघर्ष के प्रभाव को लेकर अपनी वार्षिक रिपोर्ट से भारत का नाम हटा दिया है। गुतारेस ने पिछले साल अपनी रिपोर्ट में कहा था कि उन्होंने अपने विशेष प्रतिनिधि के साथ भारत सरकार की भागीदारी का स्वागत किया है और भविष्य में भारत का नाम रिपोर्ट से हटाया जा सकता है।

संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने बच्चों और सशस्त्र संघर्ष पर अपनी 2023 की रिपोर्ट में कहा, ‘‘बच्चों की बेहतर सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को देखते हुए, भारत का नाम 2023 की रिपोर्ट से हटा दिया गया है।’’

गुतारेस ने जुलाई 2022 में बाल संरक्षण के लिए सहयोग के क्षेत्रों की पहचान करने के वास्ते अपने विशेष प्रतिनिधि के कार्यालय के तकनीकी मिशन और संयुक्त राष्ट्र की भागीदारी के साथ सरकार द्वारा पिछले सात नवंबर में जम्मू-कश्मीर में बाल संरक्षण को मजबूत करने के संबंध में आयोजित कार्यशाला पर प्रकाश डाला। अपनी हालिया रिपोर्ट में उन्होंने भारत से अपने विशेष प्रतिनिधि और संयुक्त राष्ट्र के परामर्श के अनुसार शेष उपायों को लागू करने का भी आह्वान किया।

गुतारेस ने कहा कि इनमें बाल संरक्षण को लेकर सशस्त्र तथा सुरक्षा बलों का प्रशिक्षण, बच्चों पर घातक तथा अन्य बल प्रयोग पर प्रतिबंध, ‘पैलेट गन’ का इस्तेमाल बंद करना और यह सुनिश्चित करना शामिल है कि कोई रास्ता न रह जाने पर ही और कम से कम अवधि के लिए बच्चों को हिरासत में लिया जाए। उन्होंने हिरासत में हर प्रकार के दुर्व्यवहार को रोकने के उपायों के कार्यान्वयन और किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल व संरक्षण) अधिनियम तथा यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम के पूर्ण कार्यान्वयन पर भी जोर दिया।

बच्चों एवं सशस्त्र संघर्ष पर महासचिव की विशेष प्रतिनिधि वर्जीनिया गाम्बा ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा कि पिछले दो वर्षों से करीबी सहयोग से ‘‘हम भारत के साथ काम कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने इससे निपटने के लिए एक कार्यक्रम शुरू करने का फैसला किया है।’’ उन्होंने कहा कि देश ने इस बात के संकेत दिए हैं कि वह इस दिशा में काम करने और ऐसे कदम उठाने को तैयार है, जो लंबे समय तक कारगर साबित होंगे। इसलिए ही भारत का नाम इस रिपोर्ट से हटाने की अनुमति मिली है।