SCO Summit China 2025: ट्रंप के टैरिफ के बीच शी जिनपिंग का पीएम मोदी से बड़ा बयान, कहा 'ड्रैगन और हाथी एक साथ आएं'
भारत और चीन को एक बहुध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था बनाने और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को अधिक लोकतांत्रिक बनाने के लिए भी काम करना चाहिए: शी जिनपिंग
PM Modi China Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एससीओ समिट (SEO Summit China 2025) में भाग लेने के लिए चीन के तियानजिन शहर पहुंचे, जहां उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ( Xi Jinping ) के साथ एक घंटे लंबी द्विपक्षीय वार्ता की। इस बैठक में दोनों नेताओं ने विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें व्यापार और आर्थिक संबंधों पर विशेष जोर दिया गया।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की टैरिफ पॉलिसी के बीच मीटिंग में शी जिनपिंग ने कहा, "दोस्त बनना, अच्छे पड़ोसी बनना और ड्रैगन (चीन) और हाथी (भारत) का एक साथ आना बहुत जरूरी है..."
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने रविवार को यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बातचीत के दौरान कहा कि भारत और चीन को अपने संबंधों को ‘‘रणनीतिक’’ और ‘‘दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य’’ से देखना चाहिए। दोनों नेताओं के बीच यह वार्ता शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन से इतर हुई।
शी ने कहा, ‘‘दोनों पक्षों को अपने संबंधों को रणनीतिक ऊंचाइयों और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखना एवं संभालना होगा ताकि हमारे द्विपक्षीय संबंधों का निरंतर, मजबूत और स्थिर विकास हो सके।’’उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एकतरफा नीतियों पर स्पष्ट रूप से निशाना साधते हुए कहा कि दोनों देशों को बहुपक्षवाद को बनाए रखना चाहिए।
शी ने कहा कि भारत और चीन को एक बहुध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था बनाने और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को अधिक लोकतांत्रिक बनाने के लिए भी काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें बहुपक्षवाद को बनाए रखने, एक बहुध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को अधिक लोकतंत्र बनाने के लिए मिलकर काम करने और एशिया एवं दुनिया भर में शांति और समृद्धि में उचित योगदान देने की अपनी ऐतिहासिक जिम्मेदारी को भी आगे बढ़ाना होगा।’
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीएम मोदी का स्वागत करते हुए कहा, "आपसे दोबारा मिलकर बहुत खुशी हुई. मैं आपको चीन में एससीओ समिट के लिए स्वागत करता हूं. पिछले साल हमारी कज़ान में सफल मुलाकात हुई थी." शी जिनपिंग ने इस मुलाकात को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि दुनिया इस समय बड़े बदलावों के दौर से गुजर रही है. चीन और भारत न सिर्फ दो सबसे प्राचीन सभ्यताएं हैं, बल्कि दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले देश भी हैं और ग्लोबल साउथ का हिस्सा हैं.
मोदी और शी के बीच यह लगभग पिछले 10 महीनों में पहली मुलाकात थी। व्यापार और शुल्क संबंधी अमेरिकी नीतियों के कारण भारत एवं अमेरिका के संबंधों में अचानक गिरावट आई है। ऐसे में भारत एवं चीन के नेताओं के बीच यह मुलाकात महत्व रखती है।
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