Pakistan News: पाकिस्तान में इमरान खान की पार्टी के नेताओं के खिलाफ फिर शुरू हुई कार्रवाई
खान की पीटीआई और सैन्य प्रतिष्ठान के बीच यह कार्रवाई आठ फरवरी को पाकिस्तान में आम चुनाव में पार्टी की भारी जीत के बाद शुरू हुई है।
Action started again against Imran Khan's party leaders in Pakistan News In Hindi: पाकिस्तान की सेना ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के खिलाफ कार्रवाई का एक नया दौर शुरू किया है ताकि चुनाव में जीतने वाले इसके उम्मीदवारों पर सेना द्वारा समर्थित राजनीतिक दलों का समर्थन करने का दबाव डाला जा सके। खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) और सैन्य प्रतिष्ठान के बीच यह कार्रवाई आठ फरवरी को पाकिस्तान में आम चुनाव में पार्टी की भारी जीत के बाद शुरू हुई है।
पार्टी सूत्रों ने कहा कि पुलिस ने पीटीआई समर्थित कई सफल निर्दलीय उम्मीदवारों को गिरफ्तार कर लिया और पूरे पंजाब प्रांत में उनकी संपत्तियों पर छापेमारी की। पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा (केपी) में मुख्यमंत्री पद के लिए पीटीआई द्वारा नामांकित उम्मीदवारों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं।
इसके अलावा, संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने सरकार के खिलाफ जनता को भड़काने के आरोप में इमरान खान की बहन अलीमा खान को तलब किया है। पीटीआई के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार उमर अयूब को किसी अज्ञात मामले में एक स्थानीय अदालत से गिरफ्तारी पूर्व जमानत मिल गई। ऐसी अटकलें थीं कि प्रधानमंत्री पद के लिए दावा करने से रोकने के लिए उन्हें किसी अज्ञात मामले में गिरफ्तार किया जा सकता है।
इस बीच, इमरान खान की पार्टी ने शुक्रवार को दावा किया कि संसद में उसके द्वारा जीती गईं कम से कम 85 सीट धांधली से छीनी गईं। इसने कहा कि पाकिस्तान के चुनाव के नतीजे देश के इतिहास में "सबसे बड़ी मतदाता धोखाधड़ी" के कारण याद किए जाएंगे। इसके साथ ही पीटीआई ने इमरान खान की पत्नी बुशरा बीवी के स्वास्थ्य को लेकर चिंता व्यक्त की है और दावा किया है कि उनकी जान को ''गंभीर खतरा'' है तथा पाकिस्तान में ''फासीवादी शासन'' उनका इलाज कराने से इनकार कर रहा है।.
पिछले महीने तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में जवाबदेही अदालत द्वारा दंपति को 14 साल जेल की सजा सुनाए जाने के बाद 49 वर्षीय बुशरा बीवी जेल में बंद हैं। वहीं, एक अन्य घटनाक्रम में इमरान खान ने गोपनीय दस्तावेज लीक होने और तोशखाना भ्रष्टाचार मामले में अपनी सजा को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी।