तोशाखाना मामला: पाकिस्तानी अदालत दे सकती है दोषसिद्धि के खिलाफ इमरान की याचिका पर फैसला

Rozanaspokesman

विदेश, पाकिस्तान

वर्तमान में 70 वर्षीय खान अटक जेल में हैं जहां उन्हें दोषी ठहराए जाने के बाद से रखा गया है।

Toshakhana case: Pakistani court may decide on Imran's plea against conviction

इस्लामाबाद: इस्लामाबाद उच्च न्यायालय तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में दोषसिद्धि को चुनौती देने वाली पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की याचिका पर एक दिन की सुनवाई स्थगित होने के बाद शुक्रवार को फैसला दे सकता है। उच्च न्यायालय 22 अगस्त से याचिका पर सुनवाई कर रहा है। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आमेर फारूक और न्यायमूर्ति तारिक महमूद जहांगीरी की पीठ ने बृहस्पतिवार को एक दिन के लिए सुनवाई स्थगित कर दी थी।

वर्तमान में 70 वर्षीय खान अटक जेल में हैं जहां उन्हें दोषी ठहराए जाने के बाद से रखा गया है। पूर्व प्रधानमंत्री को पांच वर्ष तक कोई सरकारी पद संभालने के लिए भी अयोग्य करार दिया गया है। सुनवाई के दौरान, खान के वकील लतीफ खोसा ने दोषसिद्धि के खिलाफ अपनी दलील पेश की और कहा कि फैसला जल्दबाजी में दिया गया था और इसमें खामियां हैं।

उन्होंने अदालत से सजा को रद्द करने का आग्रह किया लेकिन बचाव दल ने अपनी दलीलें पूरी करने के लिए और समय की मांग की।इस्लामाबाद स्थित सत्र अदालत के न्यायाधीश हुमायूं दिलावर ने पांच अगस्त को खान को सरकारी उपहारों की बिक्री से प्राप्त आय को छिपाने के मामले में तीन साल की सजा सुनाई थी।

पाकिस्तान चुनाव आयोग की शिकायत पर बीते वर्ष अक्टूबर में यह मामला शुरू किया गया था जिसने पहले इसी मामले में खान को अयोग्य घोषित कर दिया था। खान ने कुछ दिनों के अंदर ही इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में अपनी दोषसिद्धि को चुनौती दी और सजा को निलंबित करने तथा फैसले को पलटने का अनुरोध किया।

इस मामले में दलीलें पूरी हो जाने के बाद न्यायालय का फैसला आने की उम्मीद है। कई लोगों का मानना ​​है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा खान को दोषी ठहराए जाने के फैसले में खामियों को उजागर करने के बाद क्रिकेटर से नेता बने इमरान के लिए अनुकूल फैसला आ सकता है। इससे अलग, उच्चतम न्यायालय ने भी संक्षिप्त सुनवाई के बाद मामले को इस टिप्प्णी के साथ स्थगित कर दिया कि वह इस्लामाबाद उच्च न्यायालय की सुनवाई के परिणामों का इंतजार करेगा।

मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय शीर्ष अदालत की पीठ ने तोशाखाना मामले में याचिकाओं की सुनवाई की जिसमें न्यायमूर्ति मजहर अली अकबर नकवी और न्यायमूर्ति जमाल खान मंडोखाइल भी शामिल हैं। उच्च न्यायालय ने 22 अगस्त को शुरुआती सुनवाई की, लेकिन पाकिस्तान चुनाव आयोग के वकील अमजद परवेज के यह कहने के बाद सुनवाई 24 अगस्त तक टाल दी कि उन्हें मामले का रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराया गया है और उनको तैयारी करने के लिए समय चाहिए।

कई रिपोर्ट के अनुसार, खान को अपने साढ़े तीन साल के कार्यकाल के दौरान विश्वभर के कई नेताओं से 14.0 करोड़ रुपये से अधिक के 58 उपहार मिले और उन सभी को उन्होंने न के बराबर राशि का भुगतान करके या बिना किसी भुगतान के अपने पास रखा। इस मामले में इमरान पर आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2018 से 2022 तक प्रधानमंत्री पद पर रहने के दौरान तोशाखाना से हासिल उपहारों और उनकी बिक्री से हुई आय के ब्योरे को ‘जानबूझकर छिपाया’। तोशाखाना एक सरकारी भंडारण विभाग है जिसमें पाकिस्तानी अधिकारियों को विदेशी सरकारों से मिले उपहारों को रखा जाता है।