विवाह विच्छेद पर शीर्ष अदालत के फैसले से महिलाओं को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा: रेखा शर्मा
संविधान का अनुच्छेद 142 शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित किसी मामले में ‘संपूर्ण न्याय’ करने के लिए उसके आदेशों के क्रियान्वयन से संबंधित है।
New Delhi: राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय के उस फैसले का स्वागत किया जिसमें उसने व्यवस्था दी है कि वह जीवनसाथियों के बीच आई दरार भर नहीं पाने के आधार पर किसी शादी को खत्म करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपने विशेषाधिकारों का इस्तेमाल कर सकता है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से महिलाओं को जिदंगी में आगे बढ़ने और अपने भविष्य के बारे में योजना बनाने का अवसर मिलेगा।
रेखा शर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मैं फैसले का स्वागत करती हूं। अगर आपसी सहमति से अलगाव होता है तो महिलाओं को अपनी जिंदगी में आगे बढ़ने और भविष्य के बारे में योजना बनाने का मौका मिलेगा।’’
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को व्यवस्था दी कि वह जीवन साथियों के बीच आई दरार भर नहीं पाने के आधार पर किसी शादी को खत्म करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपने विशेषाधिकारों का इस्तेमाल कर सकता है।
संविधान का अनुच्छेद 142 शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित किसी मामले में ‘संपूर्ण न्याय’ करने के लिए उसके आदेशों के क्रियान्वयन से संबंधित है।
न्यायमूर्ति एस के कौल की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने कहा, ‘‘हमने अपने निष्कर्षों के अनुरूप, व्यवस्था दी है कि इस अदालत के लिए किसी शादीशुदा रिश्ते में आई दरार के भर नहीं पाने के आधार पर उसे खत्म करना संभव है। यह सरकारी नीति के विशिष्ट या बुनियादी सिद्धांतों का उल्लंघन नहीं होगा।’’