नोटबंदी पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को भाजपा ने ‘ऐतिहासिक’ बताया
वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकवाद की रीढ़ को तोड़ने में नोटबंदी ने महत्वपूर्ण काम किया।
New Delhi : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को नोटबंदी पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को ‘‘ऐतिहासिक’’ करार दिया और कांग्रेस नेता राहुल गांधी से सवाल किया कि क्या नोटबंदी के खिलाफ अभियान चलाने के लिए वह देश से माफी मांगेंगे?
उच्चतम न्यायालय की संविधान पीठ ने केंद्र सरकार के 2016 में 500 और 1000 रुपये की श्रृंखला वाले नोटों को बंद करने के फैसले को सोमवार को 4:1 के बहुमत के साथ सही ठहराया। पीठ ने बहुमत से लिए गए फैसले में कहा कि नोटबंदी की निर्णय प्रक्रिया दोषपूर्ण नहीं थी। हालांकि न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना ने सरकार के फैसले पर कई सवाल उठाए।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकवाद की रीढ़ को तोड़ने में नोटबंदी ने महत्वपूर्ण काम किया।
उन्होंने कहा, ‘‘यह ऐतिहासिक फैसला है और देशहित में है। राष्ट्रहित में लिए गए एक फैसले को उच्चतम न्यायालय ने सही ठहराया है। ’’
प्रसाद ने कहा कि इससे अर्थव्यवस्था भी साफ सुथरी हुई।
उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय का आज एक बहुत ही महत्वपूर्ण फैसला आया है। 2016 में मोदी सरकार के ऐतिहासिक फैसले, जिसमें 500 और 1,000 के नोटों का चलन बंद किया था, उसकी वैधानिकता को चुनौती देने वाली सारी याचिकाओं को न्यायालय ने अस्वीकार कर दिया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह पूरी नीति आतंक के वित्त पोषण, जाली नोट और धन शोधन, आदि को रोकने के लिए थी। इस ऐतिहासिक निर्णय को आज अदालत ने सही पाया है जबकि कांग्रेस ने इसे लेकर काफी हंगामा किया था।’’
प्रसाद ने पूछा कि राहुल गांधी ने नोटबंदी के खिलाफ अभियान चलाया था और इसकी चर्चा विदेशों में भी की थी तो क्या अब वह अदालत के फैसले के बाद देश से माफी मांगेंगे ?
न्यायमूर्ति एस. ए. नज़ीर की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि आर्थिक मामले में संयम बरतने की जरूरत होती है और अदालत सरकार के फैसले की न्यायिक समीक्षा नहीं कर सकती।
पीठ में न्यायमूर्ति नज़ीर के अलावा न्यायमूर्ति बी. आर. गवई , न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना, न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी. रामासुब्रमण्यन भी शामिल हैं। लेकिन न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना ने कहा कि 500 और 1000 रुपये की श्रृंखला के नोट कानून बनाकर ही रद्द किए जा सकते थे, अधिसूचना के जरिए नहीं।
प्रसाद ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम द्वारा न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना की टिप्पणी को रेखांकित करने पर उन्हें आड़े हाथ लिया और आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता बहुमत के फैसले की अनदेखी कर रहे हैं और अपमानजनक बयान दे रहे हैं।
भाजपा नेता ने कहा कि भारत डिजिटल भुगतान के मामले में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बन गया है, जिसे नोटबंदी के बाद बढ़ावा मिला है और देश में इस साल अक्टूबर में ही 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक के 730 करोड़ से अधिक डिजिटल लेनदेन हुए हैं।
प्रसाद ने कहा कि असहमति जताने वाले न्यायाधीश ने यह भी कहा कि नीति नेक इरादे से बनाई गई थी।
भाजपा नेता ने कहा कि अदालत ने कहा है कि सरकार को नीतिगत निर्णय लेने का अधिकार है और इस तर्क को खारिज कर दिया कि भारतीय रिजर्व बैंक के साथ उचित परामर्श नहीं किया गया था।
नोटबंदी के खिलाफ ‘‘बड़ा तूफान’’ खड़ा करने के लिए विपक्षी दल पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि संक्षेप में शीर्ष अदालत ने निर्णय लेने की पूरी प्रक्रिया पर गौर किया और प्रक्रिया को निष्पक्ष और तर्कसंगत पाया।
प्रसाद ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि गांधी उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद ही किसी मुद्दे को समझते हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी ने राफेल सौदे में कथित भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाते हुए 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान अपने प्रचार अभियान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘अपशब्द’ कहे थे और शीर्ष अदालत द्वारा मामले पर फैसला सुनाए जाने और जांच की मांग खारिज किए जाने के बाद ही वह रुके।.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार गरीबों के कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने में दृढ़ रही है और नोटबंदी उनके हितों को पूरा करने के लिए भी की गई थी।.
उन्होंने कहा कि नोटबंदी के फैसले से अनौपचारिक अर्थव्यवस्था की हिस्सेदारी 52 प्रतिशत से घटकर 20 प्रतिशत रह गई। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अर्थव्यवस्था के अनौपचारिक तत्वों को बढ़ावा दिया और उनकी रक्षा की।