आज का इतिहास : दो जनवरी की तारीख को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न ..

Rozanaspokesman

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देश-दुनिया के इतिहास में दो जनवरी की तारीख में दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा इस प्रकार है:-

Today's History: On the date of January 2, the country's highest civilian honor 'Bharat Ratna ..

New Delhi :  कला, साहित्य, विज्ञान, समाज सेवा और खेल जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में असाधारण तथा उल्लेखनीय राष्ट्र सेवा करने वालों को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ प्रदान किया जाता है। दो जनवरी, 1954 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने इस सम्मान को संस्थापित किया था।

शुरू में इस सम्मान को मरणोपरांत देने का चलन नहीं था, लेकिन एक वर्ष बाद इस प्रावधान को जोड़ा गया। इसी तरह खेलों के क्षेत्र में विशिष्ट उपलब्धि हासिल करने वालों को भारत रत्न से सम्मानित करने का प्रावधान भी बाद में शामिल किया गया।.

देश-दुनिया के इतिहास में दो जनवरी की तारीख में दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा इस प्रकार है:-

1757 : रॉबर्ट क्लाइव ने कलकत्ता (अब कोलकाता) पर फिर कब्जा कर लिया।

1954 : देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्‍न की शुरुआत।

1971 : स्कॉटलैंड के ग्लासगो में एक फुटबाल मैच के बाद भगदड़ मचने से 66 फुटबाल प्रेमियों की मौत हो गई।

1973 : जनरल एस.एच.एफ.जे. मानेकशॉ को फील्ड मार्शल के रूप में पदोन्नत किया गया।

1978 : पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कांग्रेस (आई) के नाम से नयी पार्टी का गठन किया और खुद को इसका अध्यक्ष घोषित किया।

1980 : ब्रिटेन के सरकारी उपक्रम ‘ब्रिटिश स्टील कॉर्पोरेशन’ में काम करने वाले एक लाख कर्मचारियों ने वेतन वृद्धि की मांग को लेकर पचास साल में पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर हड़ताल की।

1991 : तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे को अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का दर्जा दिया गया।

1994 : अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच 36 घंटे तक चले संघर्ष में 600 से ज्यादा लोग हताहत।

2001 : कुमोय द्वीप और मात्सु द्वीप से एक-एक पर्यटक नौका पहली बार कानूनी तौर पर ताइवान क्षेत्र से चीन की मुख्य भूमि तक पहुंची।

2004 : पाकिस्तान के इस्लामाबाद में सम्मेलन के दौरान क्षेत्रीय सहयोग के लिए दक्षिण एशियाई सहयोग संगठन के सात देश मुक्त व्यापार क्षेत्र बनाने के प्रस्ताव पर सहमत।

2016 : सऊदी अरब के जाने-माने शिया मौलवी निम्र अल निम्र और उनके 46 साथियों को सरकार ने फांसी की सजा दी। मौलवी ने 2011 के सरकार विरोधी प्रदर्शनों का खुलेआम समर्थन किया था।