शिक्षित होने के बावजूद केरल के युवाओं में बेरोजगारी दर बहुत अधिक: शशि थरूर
थरूर ने कहा, ‘‘किसी अन्य राज्य में युवाओं के बीच बेरोजगारी के इस तरह के आंकड़े नहीं हैं। अन्य राज्यों में अशिक्षित या अकुशल लोगों के पास नौकरियों की..
कोट्टायम (केरल) : तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सोमवार को कहा कि केरल में युवाओं के बीच बेरोजगारी दर बहुत अधिक है तथा युवा पीढ़ी को नौकरियों के लिए बाहर जाने से रोकने के लिए राज्य में और अधिक कदम उठाए जाने की जरूरत है।
थरूर ने यहां चंगनास्सेरी के पेरुन्ना में नायर सर्विस सोसाइटी (एनएसएस) के मुख्यालय में 146वें मन्नम जयंती समारोह के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि जून 2022 में केरल में युवाओं में बेरोजगारी दर 40 प्रतिशत थी।
उन्होंने कहा कि केवल जम्मू-कश्मीर ऐसी स्थिति में है, लेकिन वहां यह स्थिति आतंकवाद की समस्या के कारण है।
थरूर ने कहा, ‘‘किसी अन्य राज्य में युवाओं के बीच बेरोजगारी के इस तरह के आंकड़े नहीं हैं। अन्य राज्यों में अशिक्षित या अकुशल लोगों के पास नौकरियों की कमी है। हालांकि, केरल में हर कोई साक्षर है, शिक्षित है और 10वीं कक्षा पास कर चुका है, फिर भी उनमें से अनेक के पास नौकरी नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि 9,000 चिकित्सा स्नातकों सहित पेशेवर और तकनीकी नौकरी चाहने वाले 3.5 लाख लोगों को दक्षिणी राज्य के रोजगार कार्यालय में नौकरी चाहने वालों के रूप में पंजीकृत किया गया है।
सांसद ने कहा कि 3.5 लाख नौकरी चाहने वालों में से लगभग 71 प्रतिशत के पास आईटीआई प्रमाणपत्र हैं।
उन्होंने कहा, "केरल में यह स्थिति है। इसलिए, इसमें कोई संदेह नहीं है कि राज्य को अधिक निवेश लाने के लिए अपने दरवाजे खोलने की जरूरत है। हमें रोजगार के अधिक अवसर पैदा करने की जरूरत है।"
थरूर ने कहा कि अनेक युवा नौकरी के अवसरों के लिए राज्य से बाहर जा रहे हैं और इसे केरल के लिए नुकसान के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने इसका समाधान बताते हुए कहा, "हमें अपने युवाओं के लिए केरल को और अधिक आकर्षक बनाना चाहिए।