Biometric Data News: भारत और अमेरिका करेंगा हवाई यात्रियों का बायोमीट्रिक डेटा शेयर

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बायोमीट्रिक्स डेटा में फिंगरप्रिंट, आइरिस स्कैन और फेशियल रिकग्निशन (चेहरे की पहचान) जैसे सभी अथवा एक डेटा शामिल है।

India And America Will Share Biometric Data Of Air Passengers News

Biometric Data News: भारत और अमेरिका फ्लाइट सुरक्षा को लेकर पहले से ज्यादा गंभीर हो गया है। ऐसे में भारत और अमेरिका ने इसको ध्यान में रखते हुए जल्द दोनों देश की यात्रा करने वाले यात्रियों के बायोमीट्रिक्स डेटा को साझा करने के लिए समझौता किया हैं।

गौर हो कि दोनों देशों के बीच इस बारे में सिद्धांत रूप से सहमति बन गई है। इसका बड़ा कारण है कि हवाई यात्रियों की बढ़ती संख्या के साथ सुरक्षा भी बड़ा मुद्दा बन कर उभर रहा है। ऐसे में बायोमीट्रिक्स डेटा से हवाई सफर करने वाले प्रत्येक यात्री का रिकॉर्ड दोनों देशों के पास रहेगा। ताकि किसी भी आपात स्थिती में दोनों देश इसपर जल्द से जल्द कार्रवाई के साथ लोगों की मदद कर सके।

एक साल तक सुरक्षित रहेगा बायोमेट्रिक डेटा

बता दें कि इस दौरान बायोमीट्रिक्स डेटा में फिंगरप्रिंट, आइरिस स्कैन और फेशियल रिकग्निशन (चेहरे की पहचान) जैसे सभी अथवा एक डेटा शामिल है। बायोमीट्रिक्स डेटा एक साल तक सुरक्षित रहेगा। अमेरिका का अभी नाटो और कुछ अन्य देशों के साथ ही ऐसा फ्लाइट संबंधी डेटा शेयरिंग का समझौता है।

यात्रियों के बायोमीट्रिक्स डेटा अब दोनों देशों की सरकारों के पास होगा। भारत की ओर से आईबी के पास, जबकि अमेरिका में कस्टम-बॉर्डर कंट्रोल इस डेटा को रखेगी। दोनों सरकारी एजेंसियां ही शेयरिंग एजेंसी रहेंगी। डेटा तीसरी एजेंसी के पास नहीं रहेगा। निजता के उल्लंघन का खतरा भी नहीं होगा। हाल में हुई भारत-अमेरिका एविएशन समिट के दौरान यूएस ट्रांसपोर्टेशन सिक्युरिटी के प्रमुख डेविड पिकोस्के ने कहा, दोनों देश साइबर सिक्युरिटी डेटा को भी साझा करेंगे।

वन स्टॉप स्क्रीनिंग एग्रीमेंट

मीडिया से मिली जानकारी के मुताबिक अब भारत से अमेरिका के लिए सफर कर रहे लोगों को बड़ी राहत भी मिलेगी। इस दौरान भारत और अमेरिका के बीच वन स्टॉप स्क्रीनिंग एग्रीमेंट भी होगा। इससे भारतीय यात्रियों के लगेज की बार-बार जांच नहीं होगी।

उदाहरण के लिए न्यूयॉर्क वाली फ्लाइट के लिए नई दिल्ली एयरपोर्ट पर ही यात्री के लगेज की जांच हो जाएगी। फिर यदि यात्री न्यूयॉर्क से अमेरिका के किसी भी अन्य शहर की कनेक्टिंग फ्लाइट के लिए जाता है तो लगेज की वापस जांच नहीं होगी। यूएस एविएशन की रिपोर्ट के अनुसार 2030 तक भारत और अमेरिका के बीच हर साल 26 लाख यात्री सफर करेंगे। 2023 में 15 लाख जबकि 2024 में ये आंकड़ा 17 लाख रहने की संभावना है।

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