वायु प्रदूषण से प्रभावित लोगों पर कम असरदार रहा कोविड-19 रोधी टीका : शोध

Rozanaspokesman

देश

अनुसंधान दल ने इन लोगों में आईजीएम, आईजीजी और आईजीए एंटीबॉडी का आकलन किया।

Anti-Covid-19 vaccine less effective in people affected by air pollution: Research

New Delhi: कोरोना वायरस महामारी से पहले उच्च स्तर के वायु प्रदूषण से प्रभावित लोगों में कोविड-19 रोधी टीकों का असर कम पाया गया है। एक शोध में यह दावा किया गया है।

शोधकर्ताओं ने कहा कि विशेष रूप से, महीन कण पदार्थ (पीएम2.5), नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (एनओ2) और ब्लैक कार्बन की चपेट में आने वाले लोगों में संक्रमण से पहले आईजीएम और आईजीजी एंटीबॉडी प्रतिक्रिया में 10 प्रतिशत तक गिरावट देखी गई। ‘एनवायरॅनमेंटल हेल्थ पर्सपेक्टिव’ नामक पत्रिका में प्रकाशित शोध निष्कर्ष में प्रतिरक्षा प्रणाली पर वायु प्रदूषण के प्रतिकूल प्रभावों के बारे में और सबूत प्रदान किए गए हैं।

‘बार्सिलोना इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ’ (आईएसग्लोबल) के मनोलिस कोगेविनास ने कहा, “वायु प्रदूषण से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, जिसमें फेफड़े का कैंसर, हृदय और श्वसन संबंधी रोग और मधुमेह शामिल हैं।”

कोगेविनास ने कहा, “ प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया पर वायु प्रदूषकों के प्रभाव देखे गए हैं। इसलिए इस अध्ययन में हम यह निर्धारित करना चाहते थे कि क्या वायु प्रदूषण कोविड-19 रोधी टीकों से मिली एंटीबॉडी प्रतिक्रिया को भी प्रभावित करता है।” टीम ने 40 से 65 वर्ष की आयु के 927 प्रतिभागियों के डेटा का विश्लेषण किया। इन प्रतिभागियों ने 2020 की गर्मियों और 2021 की वसंत ऋतु में एक प्रश्नावली का उत्तर दिया और रक्त के नमूने दिए। सभी स्पेन में लगाए जाने वाले कोविड-19 रोधी टीकों एस्ट्राजेनेका, फाइजर या मॉडर्ना की एक या दो खुराक ले चुके थे।

अनुसंधान दल ने इन लोगों में आईजीएम, आईजीजी और आईजीए एंटीबॉडी का आकलन किया। महामारी से पहले प्रतिभागी जिन-जिन जगहों पर रहते थे उसके अनुसार उनके पीएम2.5, ब्लैक कार्बन, एनओ2 और ओजोन (ओ3) के संपर्क में आने का अनुमान लगा लिया गया था। परिणाम बताते हैं कि जो व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं हुए थे उनमें, महामारी से पहले पीएम2.5, एनओ2 और ब्लैक कार्बन के संपर्क में आने से, टीके से मिली एंटीबॉडी में 5 से 10 प्रतिशत की कमी आई थी।