Kedarnath Yatra: केदारनाथ पैदल मार्ग पर दो दिन में 14 घोड़े-खच्चरों की मौत
उन्होंने कहा कि मौत के कारणों की जांच के लिए केंद्र सरकार और हरियाणा के हिसार से टीमें पहुंच रही हैं।
14 horses and mules died in two days on Kedarnath walking route News In Hindi: केदारनाथ पैदल मार्ग पर दो दिन में 14 घोड़ों-खच्चरों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद इनकी आवाजाही पर 24 घंटे के लिए रोक लगा दी गई है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। घोड़ों और खच्चरों की मौत की सूचना मिलने के बाद सोमवार रात रुद्रप्रयाग पहुंचे पशुपालन सचिव डॉ. बीवीआरसीसी पुरुषोत्तम ने जिला प्रशासन के साथ स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि फिलहाल यात्रा के लिए घोड़े-खच्चरों का संचालन 24 घंटे के लिए बंद कर दिया गया है।
इस संबंध में पुरुषोत्तम ने बताया कि रविवार को आठ घोड़े-खच्चर मर गए थे और सोमवार को छह घोड़े-खच्चर मर गए। उन्होंने कहा कि मौत का कारण 'इक्वाइन इन्फ्लूएंजा' नहीं लगता है तथा प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि मौत जीवाणु संक्रमण के कारण हुई है।
उन्होंने कहा कि मौत के कारणों की जांच के लिए केंद्र सरकार और हरियाणा के हिसार से टीमें पहुंच रही हैं।
अधिकारी ने कहा कि अगर किसी घोड़े में नाक बहने जैसे लक्षण दिखते हैं तो उसका आरटीपीसीआर टेस्ट कराया जाएगा और उसे आइसोलेशन सेंटर में रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि यात्रा की अनुमति तभी दी जाएगी जब रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि नहीं होगी। पुरुषोत्तम ने बताया कि एक माह पहले 4 अप्रैल को घोड़ों में 'इक्वाइन इन्फ्लूएंजा' के लक्षण पाए गए थे, जिसके बाद 30 अप्रैल तक 26 दिनों में रिकॉर्ड 16,000 घोड़ों की जांच की गई थी।
उन्होंने बताया कि इनमें से घोड़ों और खच्चरों के 152 नमूनों में संक्रमण की पुष्टि हुई है लेकिन उनकी आरटीपीसीआर जांच में इसकी पुष्टि नहीं हुई है। 11,500 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम तक पहुंचने के लिए लगभग 16 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करनी पड़ती है। हालाँकि, कुछ तीर्थयात्रियों को इस चढ़ाई वाले रास्ते को पार करने के लिए पालकी, घोड़े और खच्चरों की मदद लेनी पड़ती है।
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