‘क्विट इंडिया’ कहकर प्रधानमंत्री मोदी ने साधा विपक्षी गठबंधन पर निशाना
मोदी ने कहा, “दुर्भाग्य से, हमारे देश में विपक्ष का एक धड़ा आज भी पुराने ढर्रे पर चल रहा है।
New Delhi: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्ष पर ‘‘नकारात्मक राजनीति’’ करने का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा कि ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन से प्रेरित होकर पूरा देश ‘भ्रष्टाचार, वंशवाद और तुष्टिकरण-भारत छोड़ो’ का समर्थन कर रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए देशभर में 508 रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास कार्य की आधारशिला रखने के बाद एक समारोह को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि विपक्ष का एक वर्ग इस सिद्धांत पर काम कर रहा है कि ना तो वे काम करेंगे और ना ही किसी और को काम करने देंगे।
मोदी ने कहा, “दुर्भाग्य से, हमारे देश में विपक्ष का एक धड़ा आज भी पुराने ढर्रे पर चल रहा है। वो आज भी खुद तो कुछ करेंगे नहीं और किसी को करने भी न देंगे। वे 'न काम करेंगे, न करने देंगे' के रवैये पर अड़े हुये हैं। देश ने आज की, और भविष्य की जरूरतों की चिंता करते हुए संसद की आधुनिक इमारत बनवाई। संसद देश के लोकतन्त्र की प्रतीक होती है, उसमें पक्ष विपक्ष सबका प्रतिनिधित्व होता है। लेकिन, विपक्ष के इस धड़े ने संसद की नई इमारत का भी विरोध किया। हमने कर्तव्य पथ का विकास किया तो उसका भी विरोध किया गया।”.
मोदी ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा है और सभी भारतीयों को इस पर गर्व है।
उन्होंने कहा कि कुछ दलों को चुनाव के दौरान भारत के पहले गृह मंत्री की याद आती है लेकिन उनका कोई भी बड़ा नेता पटेल की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करने नहीं गया।
उन्होंने कहा, “इन लोगों ने 70 साल तक देश के वीर शहीदों के लिए वॉर मेमोरियल तक नहीं बनाया। जब हमने नेशनल वॉर मेमोरियल बनाया, उसका निर्माण किया, तो इसकी भी सरेआम आलोचना करते उनको शर्म नहीं आई।”
मोदी ने कहा, “हम नकारात्मक राजनीति से ऊपर उठकर एक मिशन के तहत सकारात्मक राजनीति के मार्ग पर चल रहे हैं। किस राज्य में किसकी सरकार है, कहां किसका वोट बैंक है, इस सबसे ऊपर उठकर हम पूरे देश में विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहे हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा, फिलहाल केंद्र सरकार 'रोजगार मेले' के जरिए 10 लाख युवाओं को नौकरी देने का अभियान भी चला रही है।
उन्होंने कहा, “ये बदलते भारत की वो तस्वीर है, जिसमें विकास युवाओं को नए अवसर दे रहा है, और युवा विकास को नए पंख लगा रहे हैं।”
नौ अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक दिन था जिसने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में नई ऊर्जा पैदा की।
मोदी ने कहा, ‘‘भारत छोड़ो आंदोलन से प्रेरित होकर पूरा देश अब कह रहा है भ्रष्टाचार-भारत छोड़ो, वंशवाद-भारत छोड़ो, तुष्टिकरण-भारत छोड़ो।’’ प्रधानमंत्री ने आगामी विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का जिक्र कर उन लोगों के योगदान को याद किया, जिन्होंने इसका दंश सहा। उन्होंने कहा, “यह दिन हमें अपनी एकता को अक्षुण्ण बनाए रखने की ज़िम्मेदारी देता है।”
मोदी ने कहा, “हमारा स्वतंत्रता दिवस हमारे तिरंगे और हमारे राष्ट्र की प्रगति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दोहराने का समय है। पिछले साल की तरह ही इस बार भी हमें हर घर तिरंगा फहराना है।”
उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार ने करों को लेकर लोगों की धारणा बदल दी है और उन्होंने कहा कि बढ़ती सुविधाओं और जीवनयापन में आसानी के कारण कर देने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है।
प्रधानमंत्री ने उस समय का जिक्र किया जब देश में 2 लाख रुपये तक की आय पर कर लगता था, जबकि आज 7 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स नहीं लगता है।
उन्होंने कहा, “इसके बावजूद, देश में जमा होने वाली इनकम टैक्स की राशि भी लगातार बढ़ रही है, जो विकास के काम आ रही है। इसका स्पष्ट संदेश है कि देश में मध्यम वर्ग का दायरा लगातार बढ़ रहा है। अभी पांच दिन पहले ही इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तारीख गुजरी है। इस साल हमने देखा है कि इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों की संख्या 16 फीसदी बढ़ी है। ये दिखाता है कि लोगों का देश की सरकार पर, देश में हो रहे नवनिर्माण पर और विकास की कितनी जरूरत है इस बात पर भरोसा कितना बढ़ रहा है।”
मोदी ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि वैश्विक स्तर पर देश की प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता कैसे बढ़ी है ।
उन्होंने कहा, “भारत को लेकर दुनिया का रवैया बदला है, और इसकी दो प्रमुख बातें हैं, दो मुख्य वजह हैं। पहली, भारत के लोगों ने करीब-करीब तीन दशक बाद, तीस साल बाद देश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई, वो पहली वजह है और दूसरी वजह है - पूर्ण बहुमत की सरकार ने उसी स्पष्टता के साथ जनता जनार्दन की भावना का आदर करते हुए बड़े-बड़े निर्णय लिए और चुनौतियों के स्थाई समाधान के लिए अनवरत काम किया।”.
मोदी ने कहा, “विकसित होने के लक्ष्य की तरफ कदम बढ़ा रहा भारत, अपने अमृतकाल के प्रारंभ में है। नई ऊर्जा है, नई प्रेरणा है, नए संकल्प हैं। इसी आलोक में आज भारतीय रेल के इतिहास में भी एक नए अध्याय की शुरुआत हो रही है।”
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बताया कि प्रधानमंत्री ने जिन रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला रखी, उनमें उत्तर प्रदेश और राजस्थान के 55-55, बिहार के 49, महाराष्ट्र के 44, पश्चिम बंगाल के 37, मध्य प्रदेश के 34, असम के 32, ओडिशा के 25, पंजाब के 22, गुजरात एवं तेलंगाना के 21-21, झारखंड के 20, आंध्र प्रदेश तथा तमिलनाडु के 18-18, हरियाणा के 15 व कर्नाटक के 13 स्टेशन शामिल हैं।
पीएमओ ने बताया था कि इस पुनर्विकास परियोजना की लागत 24,470 करोड़ रुपये होगी और इसके तहत यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। उसने बताया था कि स्टेशन भवनों का डिजाइन स्थानीय संस्कृति, विरासत और वास्तुकला से प्रेरित होगा।
पीएमओ ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी अक्सर अत्याधुनिक सार्वजनिक परिवहन के प्रावधान पर जोर देते हैं और रेलवे लोगों के लिए परिवहन का पसंदीदा साधन है। उसने कहा था कि मोदी ने रेलवे स्टेशन पर विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करने के महत्व को प्राथमिकता दी है।
पीएमओ के मुताबिक, प्रधानमंत्री के इस दृष्टिकोण के मद्देनजर 1,309 स्टेशन के पुनर्विकास के लिए ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ शुरू की गई है। उसने कहा कि ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के तहत प्रधानमंत्री ने रविवार को 508 स्टेशन के पुनर्विकास कार्य की आधारशिला रखी।.
इसी क्रम में ओडिशा में ईस्ट कोस्ट रेलवे के तहत 25 रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास 547.7 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। ये रेलवे स्टेशन हैं सखीगोपाल, मंचेश्वर, ढेंकनाल, छत्रपुर, अंगुल, पलासा, मेरामंडली, बालूगांव, लिंगराज टेंपिल रोड, तालचर रोड, खुर्दा रोड, कांटाबांजी, बारगढ़ रोड, हीराकुड, रायराखोल, बरपाली, मुनिगुडा, बोलांगीर।
प्रधानमंत्री ने आधारशिला रखते हुए कहा कि स्टेशन भवनों का डिजाइन स्थानीय संस्कृति, विरासत और वास्तुकला से प्रेरित होगा।.