असम में बाल विवाह को लेकर कानून के दायरे में काम कर रही सरकार, किसी का उत्पीड़न नहीं: चौधरी

Rozanaspokesman

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असम मंत्रिमंडल ने हाल ही में फैसला किया था कि 14 साल से कम उम्र की लड़कियों की शादी करने वालों पर यौन अपराधों से बच्चों का...

child marriage ( प्रतिकात्मक फोटो)

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने असम सरकार द्वारा बाल विवाह के खिलाफ की जा रही कार्रवाई का समर्थन करते हुए कहा कि वहां किसी का उत्पीड़न नहीं हो रहा है और भाजपा सरकार कानून के दायरे में अपना काम कर रही है।

चौधरी ने यह भी कहा कि राहुल गांधी की हालिया ‘भारत जोड़ो यात्रा’ या किसी अन्य अभियान के बावजूद उत्तर प्रदेश में फिलहाल कांग्रेस की कोई भूमिका नजर नहीं आ रही है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने 'पीटीआई-भाषा' को दिये गये विशेष साक्षात्कार में कहा, ''देश में एक समान कानून व्यवस्था है, बाल विवाह हमारे लिए कुरीति है, सामाजिक बुराई है, यह सबके लिए चुनौती है और इस बुराई को दूर करने के लिए कानून बना हुआ है तथा असम सरकार उस कानून का पालन कर रही है।'' पार्टी प्रदेश अध्यक्ष ने यह प्रतिक्रिया असम में बाल विवाह की कुप्रथा के खिलाफ वहां की भाजपा-नीत सरकार की ओर से की जा रही कार्रवाई पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के विरोध और निंदा के सवाल पर दी। 

उल्लेखनीय है कि एआईएमपीएलबी के अध्यक्ष मौलाना सैयद राबे हसनी नदवी की अध्यक्षता में नदवतुल उलेमा, लखनऊ में बोर्ड की कार्यकारिणी की रविवार को हुई बैठक में प्रस्ताव पारित कर असम सरकार द्वारा बाल विवाह के खिलाफ शुरू किये गये अभियान की निंदा की गयी और मामले का पुरजोर विरोध करने का फैसला भी किया गया।

इसके बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने असम में बाल विवाह पर कार्रवाई के पीछे राज्य सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह भाजपा-नीत सरकार की विफलता को दर्शाता है। बोर्ड की बैठक में भाग लेने आये ओवैसी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को फोन कॉल पर कहा, "असम में जो भी कार्रवाई की जा रही है, उसके पीछे दुर्भावनापूर्ण मंशा है।".

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने एआईएमपीएलबी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, ''सबको संवैधानिक व्यवस्था, कानून के तहत अपना जीवन जीने का अधिकार है और इसमें न तो कहीं कोई उत्पीड़न है, न किसी का उत्पीड़न हो रहा है तथा कहीं कोई दुर्भावना भी नहीं है।''

असम मंत्रिमंडल ने हाल ही में फैसला किया था कि 14 साल से कम उम्र की लड़कियों की शादी करने वालों पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। असम में इस सिलसिले में चार हजार से अधिक प्राथमिकियां दर्ज कर पिछले तीन दिनों में करीब ढाई हजार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।. मुसलमानों को पूरी तरह शरीयत पर अमल करने और सरकार से समान नागरिक संहिता का इरादा छोड़ देने की एआईएमपीएलबी की सलाह पर भाजपा नेता ने कहा, ''संविधान में सबको समान अधिकार दिए गए हैं। इसके लिए किसी विशेषाधिकार की व्यवस्था नहीं है।''.

चौधरी ने कहा, ''अगर अलग-अलग विशेषाधिकार की बात होगी तो यह देश हित में नहीं होगा और सबको यह समझना चाहिए कि बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने जो संविधान दिया है, उसी संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार हमें देश चलाने का अधिकार मिला है। हम पूरी ईमानदारी के साथ व्यवस्था को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं।''.

मुसलमानों के प्रति भाजपा सरकार के दोहरे रवैये के आरोप के सवाल पर उन्होंने कहा, ''भाजपा की मंशा सबको साथ लेकर चलने की है और प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी जी के नेतृत्व में देश में सरकार चलाने का जो जनादेश मिला है, उस पर पूरी दृढ़ता के साथ भाजपा आगे बढ़ रही है।''. चौधरी ने कहा, ''जहां तक मुस्लिम समाज या अल्पसंख्यक समाज का संबंध है, तो यह सभी जानते हैं कि पिछली सरकारों ने मुस्लिम समुदाय को हमेशा वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया, लेकिन भाजपा के एजेंडे में वोट बैंक नहीं है। मोदी जी सवा सौ करोड़ देशवासियों की बात करते हैं और उसमें सभी शामिल हैं।''

श्रीरामचरितमानस को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी के तूल पकड़ने पर चौधरी ने कहा, ''प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र और मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में भाजपा की सरकार है तथा हम संकल्प पत्र एवं एजेंडे के साथ सरकार में आये हैं और देश व प्रदेश के विकास के लिए काम कर रहे हैं। चूंकि विपक्ष के पास कोई विषय बचा नहीं है, इसलिए वे इस तरह का अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं।''.

गौरतलब है कि सपा के राष्ट्रीय महासचिव मौर्य ने 22 जनवरी को तुलसीदास रचित श्रीरामचरितमानस के कुछ हिस्सों पर यह कहते हुए पाबंदी लगाने की मांग की कि उनसे समाज के एक बड़े तबके का जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर अपमान होता है।

इसके बाद मौर्य के समर्थकों ने राजधानी के वृंदावन इलाके में श्रीरामचरितमानस के पन्‍नों की छाया प्रतियां जलाई थी। मामले में प्राथमिकी भी दर्ज हुई और इसे लेकर पक्ष-विपक्ष में जुबानी जंग तेज हो गयी है। इस बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के एक हालिया बयान पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा जाति-वर्ण को लेकर वस्तुस्थिति स्पष्ट करने की चुनौती के संबंध में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सपा सबसे बड़ी जातिवादी और परिवारवादी पार्टी है।

उन्होंने कहा, ''अगर सपा का इतिहास देखें तो प्राथमिकता में उनकी जाति और उनका परिवार रहा है। जब-जब सपा को सरकार बनाने का अवसर मिला, तब-तब वह जाति, वर्ण से आगे नहीं बढ़ पायी।''

उन्होंने कहा, ''अगर आप सपा के इतिहास का आकलन करें, तो 1992 में सपा का गठन हुआ और आज 30-31 वर्षों में यह पार्टी मुलायम सिंह से आगे अखिलेश यादव तक ही पहुंची है। बड़े चाचा प्रोफेसर राम गोपाल यादव पार्टी के प्रमुख महासचिव और छोटे चाचा शिवपाल यादव दूसरे महासचिव हैं। निश्चित रूप से सपा की राजनीति जातिवादी और परिवारवादी है। इस परिवारवादी राजनीति से वे लोग आगे नहीं बढ़ पाये हैं। उनकी सरकारी व्यवस्था में भी परिवार, व्यक्ति, जाति और सैफई ही रहा है।''

चौधरी ने एक सवाल के जवाब में कहा, ''लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है और हम सबके एजेंडे में देश प्रथम होना चाहिए, लेकिन मुझे दुख के साथ कहना पड़ता है कि कभी-कभी भाजपा का और हमारे नेताओं का विरोध करते-करते विपक्षी पार्टी देश के विरुद्ध खड़ी हो जाती है और उन सभी गतिविधियों में शामिल हो जाती है जो देश व समाज के हित में नहीं है। मेरा सभी से निवेदन है कि वैचारिक रूप से मतभेद हो सकते हैं, लेकिन देश को ताकतवर बनाने के लिए हम सबको प्रयास करना चाहिए।''.

हिन्दू-मुस्लिम उन्माद को लेकर भाजपा और सपा के बीच मिलीभगत होने के बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती के आरोप पर चौधरी ने कहा, ''हमारी प्राथमिकता में गरीब और कमजोर हैं, जातिवाद की राजनीति भाजपा नहीं करती। प्रधानमंत्री जी का ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ का संकल्प सबको पता है।''.

उन्होंने कहा, ''मैं समाजवादी पार्टी या विपक्ष के सभी साथियों को चुनौती देता हूं कि हमारी सरकार की जितनी भी लाभार्थीपरक योजनाएं हैं, उनमें कोई भी भेदभाव यदि कहीं है तो आप इस बात को साबित करें। उनकी (विपक्ष की) सरकारों में जो भी योजनाएं होती थीं, उनमें समाज के केवल एक विशेष तबके को लाभ मिलता था। हमारी किसी भी योजना में कोई भेदभाव नहीं है और पारदर्शी व्यवस्था के साथ सरकार समाज के आखिरी छोर पर बैठे व्यक्ति के विकास के लिए संकल्पित है।’’.

यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ और उत्तर प्रदेश में ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ अभियान का आगामी चुनाव पर क्या असर होगा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ‘‘लोकतंत्र में सबको अपनी बात कहने और अपना अभियान चलाने का अधिकार है, लेकिन उत्‍तर प्रदेश में कांग्रेस की कोई भूमिका मुझे नहीं दिख रही है।’’.