लाल किले पर प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन के दौरान मौजूद रहेंगे अमेरिकी सांसद

Rozanaspokesman

देश

भारतीय-अमेरिकी सांसद रो खन्ना एवं सांसद माइकल वाल्ट्ज सांसदों के इस द्विदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।

PHOTO

वाशिंगटन: अमेरिकी सांसदों का एक द्विदलीय समूह भारत की यात्रा करने वाला है और ये सांसद 15 अगस्त को लाल किले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन के गवाह बनेंगे। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।

भारतीय-अमेरिकी सांसद रो खन्ना एवं सांसद माइकल वाल्ट्ज सांसदों के इस द्विदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। दोनों सांसद भारत और भारतीय अमेरिकी पर द्विदलीय कांग्रेशनल कॉकस के सह अध्यक्ष हैं।

खन्ना ने सोमवार को एजेंसी से कहा, ‘‘भारत जाने वाले द्विदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करना और देश के स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाने के लिए वहां उपस्थित होना सम्मान की बात है। मेरे नाना ने अपना जीवन भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ते हुए बिताया, इसलिए यह मेरे लिए व्यक्तिगत तौर पर और भी सार्थक यात्रा होने वाली है। यह भारत-अमेरिका संबंध के लिए ऐतिहासिक क्षण है। प्रधानमंत्री मोदी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और कैबिनेट मंत्रियों एवं अन्य कई सांसदों से मिलने वाला हूं। इसके अलावा कारोबार, प्रौद्योगिकी, क्रिकेट और हिंदी फिल्म उद्योग की शख्सियतों से भी मिलने की मेरी योजना है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस यात्रा से दोनों देशों के बीच समन्वय और साझेदारी गहरी होगी और हम कार्बन उत्सर्जन कम करने, डिजिटलीकरण, आर्थिक साझेदारी, रक्षा संबंध और बहुलवाद एवं मानवाधिकार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत करेंगे।’’

सांसद लाल किला भी जाएंगे जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15 अगस्त को भारत के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्र को संबोधित करेंगे।

एक मीडिया विज्ञप्ति में कहा गया है कि अमेरिकी सांसद मुंबई, हैदराबार और नयी दिल्ली में कारोबार, प्रौद्योगिकी, सरकार और हिंदी फिल्म उद्योग की शख्सियतों से मुलाकात करेंगे। वे नयी दिल्ली में महात्मा गांधी को समर्पित ऐतिहासिक स्थल राजघाट भी जाएंगे।

खन्ना और वाल्ट्ज के साथ सांसद डेबोरा रॉस, कैट कैमैक, श्री थानेदार और जैस्मीन क्रॉकेट के साथ रिच मैक्कॉर्मिक और एड केस भी शामिल होंगे।

सोमवार को जारी बयान में कहा गया है, ‘‘खन्ना के नाना अमरनाथ विद्यालंकार एक स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने महात्मा गांधी के साथ जेल में चार साल बिताए और बाद में वह भारत की पहली संसद का हिस्सा बने।’’

खन्ना ने कहा, ‘‘भारत और भारतीय अमेरिकियों पर कांग्रेशनल कॉकस के सहअध्यक्ष के तौर पर हमें गर्व है कि हम भारत के लिए द्विदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले हैं। हम वहां इस बात पर चर्चा करेंगे कि सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्र रहे दोनों देशों के बीच आर्थिक और रक्षा संबंधों को कैसे मजबूत किया जाए।’’

खन्ना ने कहा, ‘‘वाल्ट्ज और मेरा मानना है कि अमेरिका-भारत संबंध 21वीं सदी को परिभाषित करने वाले होंगे। भारत एशिया में बहुध्रुवीयता को सुनिश्चित करने और चीन की प्रभुता को कम करने में एक प्रमुख भागीदार है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें लोकतंत्र, प्रेस और लोगों की स्वतंत्रता एवं मानवाधिकारों के हमारे साझा संस्थापक मूल्यों पर आधारित अपनी साझेदारी को मजबूत करने का प्रयास जारी रखना चाहिए। यह प्रतिनिधिमंडल सहयोग एवं साझा लक्ष्यों को आगे बढ़ाने का एक ऐतिहासिक अवसर है।’’

इससे पहले खन्ना और वाल्ट्ज ने कैपिटल हिल में ऐतिहासिक अमेरिका-भारत शिखर सम्मेलन की मेजबानी की थी जिसमें कई समितियों और सरकार के नेताओं, विशेषज्ञों एवं देश भर से भारतीय-अमेरिकी नेताओं ने हिस्सा लिया था।