इजरायल में भारतीय यहूदी समुदाय ने रखी सांस्कृतिक केंद्र की नींव, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने सराहा
यह एक ऐसा कार्यक्रम था, जिसे वह कभी नहीं भूल सकते।
नेवातिम (इजरायल) : इजरायल के राष्ट्रपति इसाक हर्जोग और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने यहां सांस्कृतिक केंद्र की आधारशिला रखने वाले भारतीय यहूदी समुदाय की सराहना की। इजरायल के नेगेव क्षेत्र में एक मोशव (कृषि समुदाय) नेवातिम, भारतीय कोचीनी यहूदियों का पर्याय बन गया है। बृहस्पतिवार को इस स्थान पर भारतीय समुदाय के विरासत एवं सांस्कृतिक केंद्र की आधारशिला रखे जाने से संबंधित कार्यक्रम का गवाह बनने के लिए देश भर से भारतीय यहूदी समुदाय के सैकड़ों लोग जुटे।
केन्द्र का उद्देश्य न केवल भारत से आए सभी यहूदी समुदायों की विरासत और समृद्ध संस्कृति को संरक्षित करना है, बल्कि यह भारत-इजरायल व्यापार केंद्र के लिए एक आधार के रूप में भी काम करेगा। तीन एकड़ भूमि पर बनने वाले लाखों डॉलर के इस केन्द्र में एक संग्रहालय, सम्मेलन एवं कार्यक्रम भवन और एक भारतीय उष्णकटिबंधीय उद्यान होगा। इसके निर्माण के पहले चरण में 300 सीट वाला बहुउद्देशीय भवन बनेगा।
राष्ट्रपति हर्जोग ने समुदाय के लिए एक रिकॉर्ड किए गए वीडियो संदेश में, इजरायली समाज में भारतीय यहूदी समुदाय के योगदान की सराहना की।
हर्जोग ने कहा कि साल 1984 में उनके पिता ने देश के छठे राष्ट्रपति के तौर पर कोचिनी समुदाय को संबोधित करते हुए कहा था कि इस समुदाय ने जो बनाया है, वह गर्व का विषय है। उन्होंने कहा ‘‘आज 40 साल बाद मैं यह कह सकता हूं कि “यह (भारतीय समुदाय) लगातार इजरायल को गौरवान्वित कर रहा है।”
भारतीय यहूदी समुदाय को “दो सबसे प्राचीन सभ्यताओं के बीच जीवित सेतु” बताते हुए, प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने एक रिकॉर्ड किए गए संदेश में उस विशाल सामुदायिक कार्यक्रम को याद किया जब 2017 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इजरायल यात्रा के दौरान हजारों लोग उन्हें देखने आए थे।
उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा कार्यक्रम था, जिसे वह कभी नहीं भूल सकते। उन्होंने कहा, “दोनों देशों के बीच संबंध लगातार प्रगति कर रहे हैं और मजबूत हो रहे हैं। रिश्ते का महत्व भी लगातार बढ़ता रहा है” नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से इस रिश्ते पर काम किया है।