जुल्म के खिलाफ मुंह नहीं खोलोगे तो दुकान बंद हो जाएगी और चौकीदार बदल जाएगा: असदुद्दीन ओवैसी

Rozanaspokesman

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ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले लोकसभा चुनाव से पहले ट्विटर पर अपने नाम के आगे 'चौकीदार' लगाया था.

Asaduddin Owaisi

नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि एक तरफ 'चौकीदार' है, दूसरी तरफ दुकानदार है. लेकिन जब अल्पसंख्यकों पर अत्याचार होता है तो कोई मुंह नहीं खोलता.

संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस में हिस्सा लेते हुए उन्होंने यह भी कहा कि अगर ये लोग जुल्म के खिलाफ नहीं बोलेंगे तो दुकान बंद हो जाएगी, चौकीदार बदल जाएगा और देश को तीसरा मोर्चा मिल जाएगा. उन्होंने यह भी कहा, ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस चर्चा का जवाब देते हुए स्पष्ट करना चाहिए कि देश बड़ा है या हिंदुत्व और गोलवलकर की विचारधारा.''

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए ओवैसी ने कहा, ''इस देश में दो मोर्चे हैं।'' एक चौकीदार है और एक दुकानदार है. जब हम पर जुल्म होता है तो कोई मुंह नहीं खोलता. जब गृह मंत्री अमित शाह ने यू.ए.पी.ए. की घोषणा की तो इन दुकानदारों ने उनका समर्थन किया.

ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले लोकसभा चुनाव से पहले ट्विटर पर अपने नाम के आगे 'चौकीदार' लगाया था. 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान राहुल गांधी ने 'नफरत के बाजार में प्यार की दुकान' खोलने का नारा दिया था. हैदराबाद से लोकसभा सदस्य ने कहा, ''दुकानदार और चौकीदार कब तक हमारी लाशों पर राजनीति करेंगे?'' जुल्म के खिलाफ आवाज नहीं उठाओगे तो दुकानदारी नहीं चलेगी, चौकीदार बदल जायेंगे, तीसरा मोर्चा चलेगा.'' 

उन्होंने कहा, ''इस सरकार की अंतरात्मा तब कहां थी जब नूह में सैकड़ों इमारतें गिरा दी गईं और कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई... भारत में नफरत का माहौल बनाया गया।'' उन्होंने कहा कि क्या बिलकिस बानो इस देश की बेटी नहीं हैं? ..हत्यारों को रिहा कर दिया गया.  क्या यह आपका विवेक है?” 

समान नागरिक संहिता पर बहस पर उन्होंने कहा, ''भारत एक गुलदस्ता है. देश में एक धर्म, एक संस्कृति, एक भाषा की बात हो रही है। ऐसा तानाशाही में होता है.'' औवेसी ने कहा कि बीजेपी मुसलमानों की बात करती है, लेकिन इस सरकार में एक भी मुस्लिम मंत्री नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि इस सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण बजट में 40 फीसदी की कटौती की गयी है.