New Income Tax Bill 2025: आ गया नए टैक्स बिल का ड्राफ्ट! जानिए आम आदमी के लिए क्या-क्या बदलेगा?
नया आयकर विधेयक 13 फरवरी को संसद में पेश किये जाने की संभावना है।
New Income Tax Bill 2025 Draft Released Know Changes News In Hindi: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को बजट भाषण में नए आयकर विधेयक (New Income Tax Bill 2025) की घोषणा की थी वहीं अब इस बिल की ड्राफ्ट कॉपी सामने आ गई है.
नया आयकर विधेयक 13 फरवरी को संसद में पेश किये जाने की संभावना है। विधेयक का मसौदा पहले ही जारी किया जा चुका है। यह विधेयक 622 पृष्ठों का है और इसमें कई महत्वपूर्ण संशोधन एवं प्रावधान शामिल हैं। इसका उद्देश्य छह दशक पुराने आयकर अधिनियम 1961 को प्रतिस्थापित करना है। प्रस्तावित कानून को आयकर अधिनियम 2025 कहा जाएगा और इसके अप्रैल 2026 में प्रभावी होने की उम्मीद है। आयकर विधेयक, 2025 में 536 धाराएँ, 16 अनुसूचियाँ, 23 अध्याय और 622 पृष्ठ हैं।
आइए आपको विस्तार से बताते हैं कि इस नए विधेयक में क्या बदलाव किए गए हैं।
नया टैक्स ईयर और कर योग्य आय
यह विधेयक "टैक्स ईयर" की परिभाषा को स्पष्ट करता है, जिससे करदाताओं के लिए यह समझना आसान हो जाता है कि किस अवधि की आय पर कर लगेगा.
नया टैक्स ईयर की बड़ी बातें
करयोग्य आय की परिभाषा का विस्तार किया गया है।
नए टैक्स नियम भारत में रहने वाले तथा विदेश से आय अर्जित करने वाले नागरिकों पर लागू होंगे।
संपत्ति के हस्तांतरण से होने वाली आय पर नई कर शर्तें लागू की गई हैं।
कर-मुक्त और छूट प्राप्त आय
सरकार ने कुछ आय स्रोतों को पूरी तरह कर-मुक्त रखने का प्रस्ताव किया है।
कर-मुक्त आय के प्रकार
राजनीतिक दलों और चुनावी ट्रस्टों की आय कर से मुक्त है।
कृषि आय को कुछ शर्तों के अधीन कर-मुक्त रखा गया है।
विशिष्ट व्यवसायों, स्टार्टअप्स और एसएमई क्षेत्रों को कर रियायतें दी गई हैं।
धार्मिक ट्रस्टों, सामाजिक कल्याण संगठनों और धर्मार्थ संस्थाओं को दिए गए दान पर कर छूट उपलब्ध होगी।
टैक्स की गणना के लिए नए नियम
इस विधेयक में आय की गणना और कर दरों में बदलाव किए गए हैं, जिससे करदाताओं के लिए नियम स्पष्ट हो जाएंगे।
मुख्य परिवर्तन
वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए एक नया कर ढांचा लागू किया गया है।
मकान मालिकों के लिए किराए की आय पर छूट और कटौती के लिए नए नियम बनाए गए हैं।
पूंजीगत लाभ पर कर लगाने के लिए नए नियम लागू किए गए हैं, जिसका असर शेयर बाजार और संपत्ति निवेशकों पर पड़ेगा।
व्यवसायिक एवं पेशेवर करदाताओं के लिए नई कटौतियाँ एवं कर छूट प्रदान की गई हैं।
व्यवसाय और पेशेवर आय पर नए नियम
व्यवसायियों और पेशेवरों के लिए नए कर प्रावधान जोड़े गए हैं।
महत्वपूर्ण परिवर्तन
स्टार्टअप्स और छोटे व्यवसायों के लिए कर छूट और आसान कर प्रक्रिया।
ऑनलाइन और डिजिटल व्यवसायों से आय पर नए कर नियम।
बीमा, बैंकिंग और वित्त क्षेत्रों के लिए विशेष कर लाभ।
व्यावसायिक व्यय और कटौतियों के लिए नए नियम जोड़े गए हैं।
कर भुगतान की आसान प्रक्रिया और ई-केवाईसी अनिवार्य
सरकार ने कर प्रणाली को डिजिटल और पारदर्शी बनाने के लिए ई-केवाईसी और ऑनलाइन कर भुगतान को अनिवार्य कर दिया है।
मुख्य परिवर्तन
ई-फाइलिंग अनिवार्य होगी, जिससे कर भुगतान में पारदर्शिता बढ़ेगी।
एक ऑनलाइन कर गणना प्रणाली विकसित की जाएगी ताकि करदाता स्वयं अपने कर की गणना कर सकें।
जीएसटी और आयकर को मिलाने पर विचार किया जा रहा है।
कर चोरी पर सख्त प्रावधान और दंड
गलत जानकारी देकर कर चोरी करने वालों के लिए सख्त सजा का प्रावधान किया गया है।
गलत या अपूर्ण जानकारी देने पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
जो लोग जानबूझकर कर चोरी करते हैं, उन पर मुकदमा चलाया जा सकता है।
बकाया करों का भुगतान न करने पर अधिक ब्याज एवं जुर्माना।
आय छिपाने पर खाते जब्त करने और संपत्ति जब्त करने की शक्तियां।
पेंशन और निवेश पर कर लाभ
एनपीएस और ईपीएफ पर कर छूट बढ़ा दी गई है।
बीमा योजनाओं पर उच्च कर लाभ।
सेवानिवृत्ति निधि और म्यूचुअल फंड में निवेश पर कर लाभ।
नया कर प्रशासन और कर अधिकारियों की भूमिका
कर अधिकारियों के लिए नई प्रशिक्षण एवं निगरानी प्रणाली।
कर निरीक्षण और लेखा परीक्षा के लिए नए नियम।
करदाताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए "करदाता चार्टर"।
आयकर विधेयक 2025 का मुख्य उद्देश्य कर प्रणाली को सरल, पारदर्शी और करदाता-अनुकूल बनाना है। इस विधेयक में डिजिटलीकरण, कर भुगतान में सुधार, कर स्लैब में बदलाव और कर चोरी पर सख्त नियमों का प्रस्ताव है।
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