कर्नाटक : राहुल गांधी को संसद सदस्यता से अयोग्य ठहराने के विरोध में "मौन सत्याग्रह"
केंद्र सरकार के खिलाफ बोलने वाले किसी भी व्यक्ति को कड़ी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ सकता है।
बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उप मुख्यमंत्री डी.के शिवकुमार सहित राज्य के कई मंत्रियों, विधायकों तथा प्रदेश कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराये जाने और केंद्र सरकार की "प्रतिशोध की राजनीति" के खिलाफ बुधवार को "मौन सत्याग्रह" किया।
कांग्रेस ने कुछ दिन पहले कहा था कि ‘‘मोदी उपनाम’’ वाली टिप्पणी से जुड़े 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में अपनी दोषसिद्धि पर रोक लगाने के अनुरोध वाली राहुल गांधी की याचिका गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने और सजा पर रोक लगाने से इनकार करने के बाद पार्टी उच्चतम न्यायालय का रुख करेगी।
विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने प्रतीकात्मक रूप से यह बताने के लिए अपने मुंह पर काली पट्टी बांध रखी था कि देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता खतरे में है और केंद्र सरकार के खिलाफ बोलने वाले किसी भी व्यक्ति को कड़ी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ सकता है।
मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और अन्य ने बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क में विरोध के दौरान तख्तियां पकड़ी थीं जिनमें राहुल गांधी की तस्वीर के साथ लिखा था "सत्य की हमेशा जीत होती है।" कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाया था कि उसने राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराने के लिए "गंदी चालें" चलीं। विरोध जताते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने नौ जुलाई को घोषणा की थी कि उसके कार्यकर्ता और नेता देश के प्रत्येक राज्य की राजधानी में 'मौन सत्याग्रह’ (मौन विरोध) करेंगे।