विपक्ष मणिपुर पर “चर्चा नहीं चाहते वे सिर्फ राजनीति करना चाहते हैं : प्रधानमंत्री मोदी
वह पश्चिम बंगाल में पंचायती राज परिषद को डिजिटल माध्यम से संबोधित कर रहे थे।
कोलाघाट (पश्चिम बंगाल): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अविश्वस्त प्रस्ताव के दौरान संसद से बहिर्गमन करने पर विपक्षी दलों की आलोचना करते हुए शनिवार को कहा कि उनकी सरकार ने विपक्ष द्वारा देश भर में “फैलाई जा रही नकारात्मकता’’ को पराजित कर दिया है
मोदी ने पिछले महीने बंगाल में हुए ग्रामीण चुनाव के दौरान विपक्ष को डराने के लिए ‘‘आतंक और धमकियों’’ का इस्तेमाल करने को लेकर राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की आलोचना भी की। वह पश्चिम बंगाल में पंचायती राज परिषद को डिजिटल माध्यम से संबोधित कर रहे थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “दो दिन पहले ही, हमने संसद में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को हरा दिया। हमने उनके द्वारा फैलाई जा रही नकारात्मकता को पराजित किया है। विपक्षी दल मतदान नहीं चाहते थे, क्योंकि इससे उनके गठबंधन में दरारों का पर्दाफाश हो जाता। वे सदन से भाग गए।”
मोदी सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा से विपक्षी सांसदों के बहिर्गमन के बाद ध्वनि मत से बृहस्पतिवार को गिर गया था। प्रधानमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि विपक्षी दल मणिपुर पर “चर्चा नहीं चाहते थे।” उन्होंने दावा किया, “वे किसी भी चर्चा को लेकर गंभीर नहीं थे। वे इस पर सिर्फ राजनीति करना चाहते थे।”
कांग्रेस के दशकों पुराने नारे ‘गरीबी हटाओ’ पर प्रहार करते हुए मोदी ने कहा, “असलियत में, उन्होंने गरीबी हटाने और गरीब लोगों के जीवन स्तर में सुधार के लिए कुछ नहीं किया है।” उन्होंने दावा किया भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने देश में गरीबों के समग्र विकास के लिए कदम उठाए हैं। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी पर ग्रामीण चुनाव के दौरान आतंक फैलाने का आरोप लगाते हुए मोदी ने कहा कि ऐसे खतरों के बावजूद भाजपा के उम्मीदवारों को लोगों ने अपना आशीर्वाद दिया।
उन्होंने आरोप लगाया, “बंगाल में, विपक्ष को धमकाने के लिए हिंसा का इस्तेमाल एक साधन के तौर पर किया गया। लेकिन इसके बावजूद, बंगाल के लोगों के प्यार के कारण लोगों की जीत हुई है। जब हमारे प्रत्याशी जीते तो उन्हें जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी गई। अगर किसी ने जुलूस निकाला तो उन पर हमला हुआ। यह टीएमसी की राजनीति है।”