अडाणी मामले में ताजा खुलासों से 12,000 करोड़ रुपये की हेराफेरी का संकेत मिलता है: कांग्रेस
आरोपों पर अडाणी समूह की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है।
New Delhi: कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि एक विदेशी समाचार पत्र द्वारा अडाणी समूह से संबंधित मामले में किए गए ताजा खुलासे से संकेत मिलता है कि ‘दो वर्षों में 12,000 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी हुई होगी।’
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में इसे आधुनिक भारत का ‘‘सबसे बड़ा घोटाला’’ करार दिया और दावा किया कि करोड़ों भारतीय नागरिकों की जेब से वस्तुत: चोरी की गई है। उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर अडाणी समूह को संपत्ति हासिल करने में ‘मदद करने’ का भी आरोप लगाया।
रमेश ने यह आरोप भी लगाया कि भाजपा के पास चुनावी बॉन्ड का पैसा है जिसकी बदौलत वह विधायक खरीदती और विपक्षी दलों को तोड़ती है। इन आरोपों पर अडाणी समूह की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है।
रमेश ने बयान में कहा, ‘‘यह आधुनिक भारत का सबसे बड़ा घोटाला है। इसमें लालच और संवेदनहीनता के साथ-साथ भारत के लोगों के प्रति उदासीनता का मिश्रण है। यह इस विश्वास पर आधारित है कि ऐसा कोई घोटाला नहीं है जिसे ‘मैनेज’ नहीं किया जा सके और ऐसा कोई मुद्दा नहीं है जिससे ध्यान न भटकाया जा सके।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘लेकिन शहंशाह गलत हैं। भारत पर ‘मोडानी’ का कब्जा नहीं होगा। भारत की जनता 2024 में जवाब देगी।’’ उनके मुताबिक, ब्रिटिश समाचार पत्र ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ के ताजे खुलासे में 2019 और 2021 के बीच अडाणी के 31 लाख टन मात्रा वाले 30 कोयला शिपमेंट का अध्ययन किया गया, जिसमें कोयला व्यापार जैसे कम मुनाफे वाले व्यवसाय में भी 52 प्रतिशत लाभ पाया गया।
अमेरिकी कंपनी ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ द्वारा अडाणी समूह के खिलाफ ‘अनियमितताओं’ और स्टॉक मूल्य में हेरफेर का आरोप लगाए जाने के बाद से कांग्रेस इस कारोबारी समूह पर निरंतर हमलावर है और आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराए जाने की मांग कर रही है। अडाणी समूह ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया है। उसका कहना है कि उसकी ओर से कोई गलत काम नहीं किया गया है।