''शिकायत पर कोर्ट अगर स्वत: संज्ञान ले तो आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकती ईडी'': सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी

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सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि अगर ईडी आरोपी को हिरासत में लेना चाहती है तो उसे पहले संबंधित अदालत में अर्जी दाखिल करनी होगी.

If court takes suo motu cognizance of the complaint ED cannot arrest the accused: Big comment of Supreme Court

Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने आज ईडी की गिरफ्तारी को लेकर बड़ी टिप्पणी की है. अदालत ने कहा कि पीएमएलए अधिनियम (Prevention of Money Laundering Act)  की धारा 19 के तहत, यदि विशेष अदालत ने  शिकायत पर स्वत: संज्ञान लिया है तो प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकता है।

हिरासत के लिए कोर्ट में आवेदन देना होगा

सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि अगर ईडी आरोपी को हिरासत में लेना चाहती है तो उसे पहले संबंधित अदालत में अर्जी दाखिल करनी होगी. अर्जी से संतुष्ट होने के बाद ही कोर्ट आरोपी की कस्टडी ईडी को सौंपेगी.

न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि जब कोई आरोपी किसी समन के अनुपालन में अदालत के समक्ष पेश होता है तो एजेंसी को उसकी हिरासत पाने के लिए संबंधित अदालत में आवेदन करना होगा।

पीठ ने कहा, ''यदि आरोपी समन (अदालत द्वारा जारी) के जरिए विशेष अदालत के समक्ष पेश होता है तो यह नहीं माना जा सकता कि वह हिरासत में है।''

मनी लॉन्ड्रिंग मामले पर कोर्ट की टिप्पणी

याचिकाकर्ता ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के दिसंबर 2023 के आदेश को चुनौती दी थी. अदालत ने यह टिप्पणी इस सवाल से निपटने के दौरान की कि क्या मनी लॉन्ड्रिंग मामले में किसी आरोपी को जमानत के लिए कड़ी दोहरी परीक्षा से गुजरना पड़ता है, 
यहां तक ​​कि उन मामलों में भी जहां विशेष अदालत अपराध का संज्ञान लेती है।

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