श्रद्धा हत्याकांड : ‘फूड ब्लॉगर’ से बना Psycho killer, जाने कैसा था आफताब का जीवन , क्यों किए श्रद्धा के टुकड़े
‘क्राइम शो’ देखने के शौकीन आफताब ने शादी को लेकर हुए झगड़े के बाद कथित तौर पर अपने लिव-इन पार्टनर श्रद्धा की हत्या कर दी।
New Delhi/Mumbai: पेशे से शैफ और फोटोग्राफर आफताब आमीन पूनावाला के बारे में कभी किसी ने नहीं सोचा था एक दिन वह हैवानियत की सभी हदें पार कर देगा।
आफताब (28) पर अपनी लिव-इन-पार्टनर श्रद्धा वालकर (27) की हत्या कर उसके शव के 35 टुकड़े करने का आरोप है। पेशे से ‘फूड ब्लॉगर’ की तुलना अब कुख्यात सीरियल किलर और यौन अपराधी जेफ्री डेहमर और टेड बंडी से की जा रही है, जिन्होंने कई महिलाओं के साथ बलात्कार किया, बर्बरता की और कई की हत्या कर दी थी।
‘क्राइम शो’ देखने के शौकीन आफताब ने शादी को लेकर हुए झगड़े के बाद कथित तौर पर अपने लिव-इन पार्टनर श्रद्धा की हत्या कर दी। उसने बताया कि शव के 35 टुकड़े करने का विचार उसे एक अमेरिकी क्राइम टीवी सीरीज ‘डॅक्सटर’ से आया।
कौन है आफताब और कैसा था उसका सवभाव
आफताब का जन्म मुंबई में हुआ और वह वहां अपने छोटे भाई अहद, पिता आमिन और मां मुनीरा बेन के साथ वसई उपनगर स्थित ‘युनीक पार्क हाउसिंग सोसायटी’ में रहता था। सोसायटी के लोगों का कहना है कि दोनों भाइयों में काफी झगड़े होते थे लेकिन कभी उसके व्यक्तित्व में ऐसा कुछ नजर नहीं आया जिससे इसके इस शैतानी पक्ष का पता चल पाता।
मुंबई के एल. एस. रहेजा कॉलेज से स्नातक आफताब इस साल की शुरुआत में श्रद्धा से मिलने के बाद दिल्ली में रहने लगा।
आफताब के सोशल मीडिया पर 29 हजार से अधिक ‘फॉलोअर्स
आफताब के सोशल मीडिया अकाउंट ‘हंगरी छोकरों’ पर 29 हजार से अधिक ‘फॉलोअर्स’ हैं। श्रद्धा से उसकी मुलाकात एक डेटिंग एप के जरिए हुई थी। इसके बाद उन्होंने मुंबई में एक कॉल सेंटर में साथ काम करना शुरू किया और दोनों के बीच वहीं से प्रेम संबंध शुरू हुए। अलग-अलग धर्म से नाता रखने के कारण उनके माता-पिता को उनके रिश्ते से ऐतराज़ था इसलिए ही वे दिल्ली आ गए थे।
दोनों के बीच शादी को लेकर 18 मई को बहस हुई, जिसके बढ़ने पर पूनावाला ने श्रद्धा की हत्या कर दी। अगले दिन उसने एक आरी और एक 300 लीटर का फ्रिज खरीदा।
‘होटल मैनेजमेंट’ की पढ़ाई की थी आफताब ने
आफताब ने ‘होटल मैनेजमेंट’ की पढ़ाई की थी और उसे धारदार चाकू चलाना आता था। उसने मांस काटने का दो सप्ताह का प्रशिक्षण भी लिया था। उसने उसी तकनीक का इस्तेमाल श्रद्धा के शव के 35 टुकड़े करने के लिए किया। उसने दो दिन तक उसके शव के टुकड़े किए। कुछ टुकड़े उसने फ्रिज के ‘डीप फ्रीज़र’ में रखे और कुछ ‘ट्रे’ में..कुछ दिन बाद वह ‘डीप फ्रीज़र’ में रखे टुकड़े ‘ट्रे’ में और उसमें रखे टुकड़े ‘डीप फ्रीज़र’ में रख देता था। वह कमरे से दुर्गंध को हटाने के लिए अगरबत्ती और ‘रूम फ्रेशनर’ का इस्तेमाल करता था।
पुलिस ने बताया कि वह थैली में शव के टुकड़े डालता और उसे अपने बैग में रखकर जंगल ले जाता था।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ देर रात करीब दो बजे वह जंगल जाता था और कुछ घंटे बाद लौटता था। ऐसा उसने करीब 20 दिन तक किया।’’
पुलिस ने कहा कि यह आफताब की ‘‘चालाकी’’ ही है कि वह हिंदी जानते हुए भी अंग्रेजी में जवाब देता है। वह श्रद्धा के सोशल मीडिया खातों पर भी सक्रिय रहता था, लेकिन आखिरकार उसकी किस्मत ने उसका साथ देना बंद कर दिया और पुलिस उस तक पहुंच ही गई।
आफताब को गत रविवार को गिरफ्तार किया गया था।
मुंबई पुलिस ने बताया कि महाराष्ट्र की मानिकपुर पुलिस ने उसे अक्टूबर और इस महीने की शुरुआत में जब पूछताछ के लिए बुलाया, तब उसके बर्ताव में कोई पछतावा नहीं दिख रहा था। उसके बार-बार बयान बदलने के कारण पुलिस को संदेह हुआ और फिर उसने जांच में दिल्ली पुलिस को शामिल करने का फैसला किया।
इसके बाद ही आफताब से फिर पूछताछ की गई और सारा मामला सामने आया। उसे गत रविवार को गिरफ्तार किया गया।
आफताब का आक्रामक रूप दिल्ली के एक चिकित्सक ने मई में उसका इलाज करते समय देखा था। उसी महीने श्रद्धा की हत्या की गई थी।
डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि पूनावाला बेहद उग्र व अशांत नजर आ रहा था। जब मैंने उससे पूछा कि उसे चोट कैसे लगी तो उसने कहा कि फल काटते समय।
हत्या के मामले के सामने आने से कुछ दिन पहले ही आफताब ने अपने परिवार को वसई से मुंबई जाकर रहने में मदद की थी।
दिल्ली पुलिस ने पूनावाला का ‘नार्को टेस्ट’ कराने की मांग की है, ताकि शव के बाकी हिस्से बरामद किए जा सके।
मामले की जांच अब भी जारी है।