लीबिया से 17 भारतीयों को सुरक्षित निकालकर भेजा गया भारत

Rozanaspokesman

देश

ये भारतीय नागरिक पंजाब और हरियाणा से हैं और वे रविवार की शाम दिल्ली पहुंचे।

photo

New Delhi: विदेश मंत्रालय के सतत प्रयासों से लीबिया में एक सशस्त्र समूह द्वारा बंधक बनाये गए 17 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाल कर भारत वापस लाया गया है । घटनाक्रम से जुड़े जानकार सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।  उन्होंने बताया कि ये भारतीय नागरिक पंजाब और हरियाणा से हैं और वे रविवार की शाम दिल्ली पहुंचे।

सूत्रों ने बताया कि ट्यूनिश में भारतीय दूतावास ने भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट में वहां भारतीय दूतावास के इस अच्छे कार्य की सराहना की। जयशंकर ने कहा, ‘‘ मोदी सरकार द्वारा भारतीय समुदाय कल्याण कोष को मजबूत बनाना, खास तौर पर ऐसे अवसरों के लिए उपयोगी है।’’

वहां भारतीय दूतावास ने एक्स पर पोस्ट किया कि लीबिया में भारतीय दूतावास ने पंजाब और हरियाण से संबद्ध 17 भारतीय नागरिकों को सफलतापूर्वक स्वदेश भेज दिया है जो फरवरी 2023 से लीबिया में हिरासत में थे। इसमें कहा गया है कि ये भारतीय 20 अगस्त 2023 को गल्फ एयर के विमान से सुरक्षित भारत पहुंच गए। घटनाक्रम से जुड़े जानकार सूत्रों ने बताया कि भारतीयों को लीबिया के ज्वारा शहर में सशस्त्र समूह ने बंधक बना लिया था। इससे पहले उन्हें अवैध रूप से उस देश में लाया गया था।  उन्होंने बताया कि ट्यूनिश में भारतीय दूतावास ने मई और जून में लगातार इस मामले को लीबिया के प्रशासन के समक्ष अनौपचारिक माध्यम से उठाया था।

उन्होंने बताया कि 13 जून को लीबिया प्रशासन ने भारतीय नागरिकों को बचाने में सफलता पाई लेकिन अवैध रूप से उस देश में प्रवेश करने को लेकर उन्हें अपनी हिरासत में रखा।

सूत्रों ने बताया कि ट्यूनिश में भारतीय राजदूत और नई दिल्ली से विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के उच्च स्तरीय हस्तक्षेप से लीबिया प्रशासन ने इन्हें रिहा करने पर सहमति व्यक्त की।  उन्होंने बताया कि लीबिया में इन भारतीय नागरिकों के रुकने के दौरान भारतीय दूतावास ने उनकी सभी जरूरतों का ध्यान रखा। चूंकि इनके पास कोई पासपोर्ट नहीं था, ऐसे में उनकी भारत यात्रा करने के लिए उन्हें आपात प्रमाणपत्र जारी किए गए। इसके अलावा भारत लौटने के लिए टिकटों का भुगतान भी भारतीय दूतावास ने किया। वहां फंसे भारतीय नागरिकों के परिवार के सदस्यों ने इस मामले पर ट्यूनिश स्थित भारतीय दूतावास का ध्यान आकृष्ट कराया था।