बढ़ते जनसमर्थन से घबराकर ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को बाधित करना चाहती है भाजपा : गहलोत

Rozanaspokesman

देश

सात सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई ‘भारत जोड़ो यात्रा’ अपने राजस्थान चरण को पूरा करने के बाद बुधवार को हरियाणा में आगे बढ़ी।

Fearing the increasing public support, BJP wants to disrupt 'Bharat Jodo Yatra': Gehlot

जयपुर : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी से अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को निलंबित करने पर विचार का आग्रह किए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इस यात्रा के प्रति बढ़ते जनसमर्थन से घबराकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इसे बाधित करना चाहती है।

गहलोत ने कहा, “यह पत्र स्पष्ट दिखाता है कि भाजपा का उद्देश्य बढ़ते जनसमर्थन से घबराकर ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में विघ्न डालना है।”

उल्लेखनीय है कि भाजपा के तीन सांसदों द्वारा कोरोना वायरस के प्रसार को लेकर चिंता जताए जाने का हवाला देते हुए मांडविया ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से अनुरोध किया है कि अगर कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जा सकता तो वह ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निलंबित करने पर विचार करें।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए गहलोत ने ट्वीट किया, “राजस्थान चरण की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ 21 दिसंबर की सुबह पूरी हो गई, पर यहां उमड़ी भारी भीड़ से भाजपा और मोदी सरकार इतनी घबरा गई है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री 20 दिसंबर को राहुल गांधी को राजस्थान में कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन करने के लिए पत्र लिख रहे हैं।”

उन्होंने आगे लिखा, “यह स्पष्ट दिखाता है कि भाजपा का उद्देश्य बढ़ते जनसमर्थन से घबराकर ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को बाधित करना है।”

गहलोत के अनुसार, “दो दिन पहले प्रधानमंत्री जी ने त्रिपुरा में रैली की थी, जहां किसी भी कोविड प्रोटोकॉल पर अमल नहीं हुआ था। कोविड की दूसरी लहर में प्रधानमंत्री ने बंगाल में बड़ी रैलियां की थीं‌।”

उन्होंने कहा, “अगर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का उद्देश्य राजनीतिक न होकर, उनकी चिंता जायज है तो उन्हें सबसे पहला पत्र प्रधानमंत्री को लिखना चाहिए था।”

गौरतलब है कि सात सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई ‘भारत जोड़ो यात्रा’ अपने राजस्थान चरण को पूरा करने के बाद बुधवार को हरियाणा में आगे बढ़ी। राजस्थान में यात्रा ने झालावाड़, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, दौसा और अलवर जिले में 485 किलोमीटर की दूरी तय की। पार्टी नेताओं के मुताबिक, यात्रा 24 दिसंबर को दिल्ली में पहुंचेगी और उसके बाद नौ दिन का विराम लेगी।