राष्ट्रपति मुर्मू ने सिकंदराबाद स्थित राष्ट्रपति निलयम को जनता के लिए खोला
इसमें कहा गया है, ‘‘निलयम के दौरे के दौरान, कोई भी इमारत को अंदर से देख सकता है, जिसमें प्रेसिडेंशियल विंग और भोजन क्षेत्र भी शामिल है।
New Delhi; राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सिकंदराबाद स्थित ‘राष्ट्रपति निलयम’ को बुधवार को जनता के लिए खोल दिया। ‘राष्ट्रपति निलयम’ राष्ट्रपति के तीन विश्राम गृहों में से एक है। यह जानकारी एक आधिकारिक बयान में दी गई। राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि ऐसा पहली बार हुआ है कि धरोहर इमारत को लोगों के लिए खोला गया है, क्योंकि पहले लोग साल में एक बार सीमित समय के लिए ही निलयम के उद्यानों में जा सकते थे।
इसमें कहा गया है, ‘‘निलयम के दौरे के दौरान, कोई भी इमारत को अंदर से देख सकता है, जिसमें प्रेसिडेंशियल विंग और भोजन क्षेत्र भी शामिल है। लोग तेलंगाना की पारंपरिक चेरियल कला पर आधारित चित्रों का आनंद ले सकते हैं, जो निलयम रसोई को भोजन कक्ष से जोड़ने वाली भूमिगत सुरंग में लगे हैं।’’
इसमें कहा गया है कि आगंतुक राष्ट्रपति भवन और राष्ट्रपति निलयम के इतिहास के बारे में जान सकते हैं, संविधान के बारे में जान सकते हैं और ‘ज्ञान दीर्घा’ में भारत के राष्ट्रपति की भूमिका और जिम्मेदारियों की एक झलक पा सकते हैं, जिसे पहले अस्तबल के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। ‘ज्ञान दीर्घा’ के प्रांगण में आगंतुक बग्गी और राष्ट्रपति की लिमोजिन के साथ सेल्फी ले सकते हैं।
बयान में कहा गया है कि आगंतुक राष्ट्रपति निलयम के परिसर में ‘जय हिंद रैंप’ और ‘फ्लैग पोस्ट पॉइंट’ के साथ-साथ प्रकृति पथ भी देख सकते हैं। इसमें कहा गया है कि निलयम के बगीचे के विभिन्न खंड जैसे रॉक गार्डन, हर्बल गार्डन, तितली और नक्षत्र उद्यान जनता के लिए खुले रहेंगे। इसमें कहा गया है कि इस दौरान क्यूआर कोड को स्कैन करके फलों, पेड़ों और फूलों के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। मुर्मू ने तेलंगाना की राज्यपाल डॉ. तमिलिसाई सुंदरराजन, केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री जी किशन रेड्डी, तेलंगाना के गृह मंत्री मोहम्मद महमूद अली और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समारोह में हिस्सा लिया।
इस अवसर पर, उन्होंने ‘जय हिंद रैंप’ और ऐतिहासिक ध्वज स्तंभ की प्रतिकृति के जीर्णोद्धार और संरक्षण आधारशिला भी रखी। ‘जय हिंद रैंप’ अतीत में परिसर की पानी की जरूरतों को पूरा करने वाली एक ऐतिहासिक सीढ़ीदार बावड़ी से जुड़ा था, जबकि ध्वज स्तंभ 1948 में हैदराबाद के भारतीय संघ में एकीकरण को चिह्नित करता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रपति भवन और राष्ट्रपति विश्राम गृह हर भारतीय का है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा प्रयास है कि सभी नागरिक, विशेषकर हमारी युवा पीढ़ी, स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में जाने और हमारे स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े मूल्यों का सम्मान करे। इस विचार के साथ, राष्ट्रपति निलयम में एक ज्ञान दीर्घा स्थापित की गई है जो राष्ट्रपति भवन और निलयम के इतिहास और हमारी आजादी के गुमनाम नायकों के बारे में संबंधित जानकारी प्रदान करेगी।’’ उन्होंने लोगों, विशेषकर बच्चों और युवाओं से निलयम आने और अपनी विरासत से जुड़ने का आग्रह किया।
राज्यपाल सुंदरराजन ने कहा कि ऐतिहासिक राष्ट्रपति निलयम को साल भर जनता के लिए खोलने से लोगों को इसकी भव्यता को देखने और अनुभव करने का एक शानदार अवसर मिलेगा। उन्होंने तेलंगाना के लोगों की ओर से राष्ट्रपति निलयम को पर्यटन स्थल में बदलने की अनुमति देने के लिए राष्ट्रपति का आभार व्यक्त किया।
राष्ट्रपति निलयम को लोगों के लिए खोलना "राष्ट्रपति की एक और ऐतिहासिक पहल है, जिन्होंने पहले (नयी दिल्ली स्थित) राष्ट्रपति भवन में मुगल गार्डन का नाम बदलकर 'अमृत उद्यान' कर दिया था।" राज्यपाल ने कहा, ‘‘उद्यान का नाम बदलना भारत की अपनी पहचान पर जोर देने का प्रतीक है और इसने औपनिवेशिक युग की प्रथाओं को दूर किया है।’’
राष्ट्रपति निलयम राष्ट्रपति के दक्षिण के प्रवास को छोड़कर पूरे वर्ष आम जनता के लिए खुला रहेगा। आगंतुक यहां आने के लिए समय ऑनलाइन माध्यम से बुक कर सकते हैं।
राष्ट्रपति निलयम में स्वागत कार्यालय में आकर भी इसकी बुकिंग की जा सकती है। लोग सप्ताह में छह दिन (सोमवार और सरकारी छुट्टियों को छोड़कर) सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक निलयम का दौरा कर सकते हैं। लोगों को शाम 4 बजे तक अंतिम प्रवेश दिया जाएगा।. भारतीय नागरिकों के लिए प्रति व्यक्ति 50 रुपये और विदेशी नागरिकों के लिए 250 रुपये प्रति व्यक्ति का मामूली पंजीकरण शुल्क लागू होगा।