अनुच्छेद 370 अस्थायी था, लेकिन यह 70 साल तक अस्तित्व में रहा: उपराष्ट्रपति धनखड़
उपराष्ट्रपति ने यहां जम्मू विश्वविद्यालय के एक दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं 20 साल से इसकी वकालत कर रहा था। यह एक भूल थी।
जम्मू : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बृहस्पतिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किये जाने से लोग खुश हैं और यह अनुच्छेद अस्थायी था, लेकिन फिर भी 70 साल तक अस्तित्व में रहा। धनखड़ ने यह भी कहा कि बाबा साहेब बी. आर. आंबेडकर ने संविधान के अन्य अनुच्छेदों का मसौदा तैयार करते वक्त अनुच्छेद 370 का मसौदा तैयार करने से इनकार कर दिया था।
उपराष्ट्रपति ने यहां जम्मू विश्वविद्यालय के एक दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं 20 साल से इसकी वकालत कर रहा था। यह एक भूल थी। संविधान की विषय-वस्तु में जाएं और देखें कि यह अनुच्छेद एक अस्थायी अनुच्छेद के रूप में रखा गया था, लेकिन यह 70 साल तक बरकरार रहा।" उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता आंबेडकर ने अनुच्छेद 370 का मसौदा तैयार करने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा, "अब, हम खुश हैं कि यह (अनुच्छेद 370) वहां (जम्मू-कश्मीर में) नहीं है।"
श्यामा प्रसाद मुखर्जी के शब्दों को उद्धृत करते हुए कि "एक मुल्क में दो निशान, दो प्रधान नहीं चलेंगे", धनखड़ ने कहा कि अब ऐसी स्थिति नहीं है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किये जाने के बाद से अब जम्मू-कश्मीर में सौहार्दपूर्ण माहौल है और यह (श्यामा प्रसाद) मुखर्जी को सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है, जिन्होंने एक मजबूत और एकजुट भारत के लिए अपना जीवन झोंक दिया।.
धनखड़ ने कहा, ‘‘कल (23 जून को) उनका शहादत दिवस है। इस दिन श्रीनगर जेल में एक बंदी के रूप में उनकी मृत्यु हो गई। गिरफ्तारी के कुछ ही दिनों के भीतर उनकी मृत्यु हो गई थी।" जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के कार्यों की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद केंद्र शासित प्रदेश में बड़े पैमाने पर विकास हो रहा है।
धनखड़ ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अब भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) सहित देश के सभी शीर्ष संस्थान मौजूद है।
उन्होंने कहा, "जम्मू शिक्षा का एक केंद्र होगा।"वैश्विक बाजार में भारत के विकास के बारे में चर्चा करते हुए धनखड़ ने कहा कि देश में 70 करोड़ इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं, जो अमेरिका या चीन की तुलना में कहीं अधिक है। उन्होंने श्रीनगर में जी-20 बैठक की सफलता का श्रेय भी उपराज्यपाल को दिया।