Supreme Court News: औद्योगिक शराब पर कानून बनाने का अधिकार केंद्र या राज्य के पास?, जानें सुप्रीम कोर्ट ने का फैसला

Rozanaspokesman

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अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने आज यह साफ कर दिया कि औद्योगिक शराब पर कानून बनाने का हक राज्य सरकार को है।

State power to make laws on industrial alcohol Supreme Court News In Hindi

State has power to make laws on industrial alcohol Supreme Court News In Hindi: सुप्रीम कोर्ट ने आज एक बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा है कि राज्यों के पास औद्योगिक शराब के उत्पादन, निर्माण और आपूर्ति पर नियामक शक्ति है। राज्यों के पास औद्योगिक अल्कोहल को रेगुलेट करने का अधिकार है। 8:1 के बहुमत से फैसला  सुनाते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि औद्योगिक शराब पर कानून बनाने की राज्य की शक्ति को नहीं छीना जा सकता है। 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि औद्योगिक शराब के उत्पादन पर केंद्र सरकार के पास कोई अधिकार नहीं है। सर्वोच्च न्यायालय की नौ न्यायाधीशों की पीठ ने 8:1 के बहुमत से कहा कि मादक शराब पर कानून बनाने के लिए राज्यों की शक्ति नहीं छीनी जा सकती। न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना ने असहमतिपूर्ण फैसला सुनाया।(State power to make laws on industrial alcohol Supreme Court News In Hindi)

अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने आज यह साफ कर दिया कि औद्योगिक शराब पर कानून बनाने का हक राज्य सरकार को है। उसकी शक्ति को नहीं छीना जा सकता है। 

गौर हो कि 1997 में, सात-न्यायाधीशों की पीठ ने फैसला सुनाया था कि केंद्र के पास औद्योगिक शराब के उत्पादन पर नियामक शक्ति है। यह मामला 2010 में नौ जजों की बेंच को भेजा गया था।

बता दे कि संविधान की 7वीं अनुसूची के तहत राज्य सूची में प्रविष्टि 8 राज्यों को "मादक शराब" के निर्माण, कब्जे, परिवहन, खरीद और बिक्री पर कानून बनाने की शक्ति देती है, संघ सूची की प्रविष्टि 52 और समवर्ती सूची की प्रविष्टि 33 में उन उद्योगों का उल्लेख है जिनके नियंत्रण को "संसद द्वारा कानून द्वारा सार्वजनिक हित में समीचीन घोषित किया गया था"।(State power to make laws on industrial alcohol Supreme Court News In Hindi)

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