राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ मध्य प्रदेश पहुंची, 12 दिन में 380 किलोमीटर दूरी तय करेगी

Rozanaspokesman

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राहुल की अगुवाई वाली यह पदयात्रा मध्य प्रदेश में लगभग 380 किलोमीटर का फासला तय करने के बाद चार दिसंबर को राजस्थान में प्रवेश करेगी।

Rahul Gandhi's 'Bharat Jodo Yatra' reaches Madhya Pradesh, will cover 380 kms in 12 days

बोदरली ; कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई वाली ‘भारत जोड़ो यात्रा’ महाराष्ट्र से गुजरने के बाद ‘दक्षिण का द्वार’ कहे जाने वाले बुरहानपुर जिले के बोदरली गांव से बुधवार सुबह मध्य प्रदेश में दाखिल हुई।

राहुल ने सभास्थल पर महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की कांग्रेस इकाइयों के बीच तिरंगे का हस्तांतरण कराने के बाद राज्य में 12 दिवसीय यात्रा की औपचारिक शुरुआत की। इस मौके पर महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले, मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ, पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे।

यात्रा में शामिल होने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ता बड़ी संख्या में प्रभातफेरी के रूप में तिरंगे झंडे लहराते हुए बोदरली गांव पहुंचे।

करीब 6,000 की आबादी वाले इस गांव में यात्रा के स्वागत के लिए सभास्थल को खासतौर पर केलों के पत्तों से सजाया गया था, क्योंकि यह इलाका केले की खेती का गढ़ है।

लोक कलाकारों ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के मध्य प्रदेश पहुंचने पर सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए। 

राहुल की अगुवाई वाली यह पदयात्रा मध्य प्रदेश में लगभग 380 किलोमीटर का फासला तय करने के बाद चार दिसंबर को राजस्थान में प्रवेश करेगी।

अगले विधानसभा चुनावों से सालभर पहले मध्य प्रदेश से गुजर रही इस यात्रा के लिए कांग्रेस ने बड़े पैमाने पर तैयारियां की हैं, जिसकी सत्ता ज्योतिरादित्य सिंधिया की सरपरस्ती में पार्टी के बागी विधायकों के पाला बदलने से मार्च 2020 में चली गई थी।

कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रमुख कमलनाथ ने मंगलवार को बताया था कि पार्टी की उत्तर प्रदेश से जुड़े मामलों की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी अपने पूरे परिवार समेत पहली बार पदयात्रा में शामिल होंगी।

कमलनाथ ने कहा था कि प्रियंका बुरहानपुर से इंदौर के रास्ते में 24 और 25 नवंबर को यात्रा में शामिल होंगी। गौरतलब है कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पश्चिमी मध्य प्रदेश के उस मालवा-निमाड़ अंचल से गुजरेगी, जहां वर्ष 2018 के पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर अहम बढ़त हासिल की थी और कमलनाथ की अगुवाई में सरकार बनाई थी।

बहरहाल, ज्योतिरादित्य सिंधिया की सरपरस्ती में कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के विधानसभा से त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने के कारण तत्कालीन कमलनाथ सरकार का 20 मार्च 2020 को पतन हो गया था। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा 23 मार्च 2020 को सूबे की सत्ता में लौट आई थी।