न्यायालय ने कहा: न्यायाधीश लंबित मामलों को लेकर साक्षात्कार नहीं दे सकते, मांगी रिपोर्ट

Rozanaspokesman

देश

‘कोई न्यायाधीश लंबित मामलों के बारे में साक्षात्कार नहीं दे सकता।’’

Court said: Judges cannot give interviews regarding pending cases, sought report

New Delhi: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के महापंजीयक से चार दिन के भीतर इस संबंध में रिपोर्ट देने को कहा कि क्या न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने पश्चिम बंगाल में स्कूल भर्ती घोटाले से संबंधित लंबित मामले में एक समाचार चैनल को साक्षात्कार दिया था। प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा की पीठ ने इस मामले को लेकर एक समाचार चैनल को दिए गए न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय के कथित साक्षात्कार का कड़ा संज्ञान लिया और कहा, ‘‘कोई न्यायाधीश लंबित मामलों के बारे में साक्षात्कार नहीं दे सकता।’’

पीठ ने उच्च न्यायालय के महापंजीयक से न्यायाधीश से निर्देश लेने के बाद बृहस्पतिवार या उससे पहले एक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा और तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी की याचिका पर सुनवाई के लिए इसके एक दिन बाद की तारीख तय की।

इससे पहले, उच्चतम न्यायालय ने अभिषेक बनर्जी को बड़ी राहत प्रदान करते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय के 13 अप्रैल के उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें उसने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को अभिषेक और शिक्षक भर्ती घोटाले के एक आरोपी कुंतल घोष से पूछताछ करने का आदेश दिया था। इससे पहले उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने अपने आदेश में पश्चिम बंगाल पुलिस को स्कूल भर्ती घोटाले की जांच कर रहे सीबीआई और ईडी अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज न करने का निर्देश दिया था।

उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के एक भाषण का संज्ञान लिया था, जिसमें उन्होंने (अभिषेक ने) कहा था कि जांच एजेंसियां घोटाले के एक आरोपी कुंतल घोष पर दबाव बना रही हैं कि घोष उनका (अभिषेक का) नाम लें।.