केरल के राज्यपाल ने बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की रिलीज के समय पर उठाया सवाल
राज्यपाल ने कहा, ‘‘इस झूठी सामग्री को सामने लाने के लिए यह विशेष समय क्यों चुना गया? आप इन चीजों को नजरअंदाज नहीं कर सकते और...
तिरुवनंतपुरम : केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) के विवादास्पद वृत्तचित्र ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ को ऐसे समय में रिलीज किए जाने पर बुधवार को सवाल उठाया, जब भारत ने जी-20 की अध्यक्षता संभाली है।
खान ने यहां संवाददाताओं से कहा कि वह इस बात पर हैरान हैं कि लोग एक विदेशी वृत्तचित्र निर्माता, ‘‘वह भी हमारे औपनिवेशिक शासक’’, की राय को देश की शीर्ष अदालत के फैसले से अधिक महत्व दे रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इतने सारे न्यायिक फैसले, जिनमें देश की शीर्ष अदालत का फैसला भी शामिल है, (वृत्तचित्र के) समय, इन सभी चीजों को ध्यान में रखा जाना चाहिए। यह एक ऐसा समय है जब भारत ने जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण की है।’’
राज्यपाल ने कहा, ‘‘इस झूठी सामग्री को सामने लाने के लिए यह विशेष समय क्यों चुना गया? आप इन चीजों को नजरअंदाज नहीं कर सकते और खासकर तब, जब यह एक ऐसे स्रोत ने बनाई है, जिसने 200 से अधिक वर्षों तक हम पर शासन किया है।’’
उन्होंने कहा कि वृत्तचित्र को रिलीज करने के पीछे का मकसद ‘भारत को टुकड़ों में बांटना’ है। खान ने आगे कहा कि अंग्रेजों ने भारत की आजादी के समय ही भविष्यवाणी कर दी थी कि वह अपनी आजादी को बचाए रखने में सक्षम नहीं है। राज्यपाल ने कहा, ‘‘इसलिए जब इस तरह की टिप्पणियां (वृत्तचित्र) उनके जैसे लोगों से आती हैं, तो इसे चुटकी भर नमक के साथ लेना चाहिए।’’
खान ने तर्क दिया कि उन्होंने (अंग्रेजों ने) सोचा था कि आजादी के बाद भारत टुकड़े-टुकड़े हो जाएगा और अपनी विविधता के कारण अपनी एकता को कायम नहीं रख पाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘अब वे भारत को विश्व पटल पर उभरता हुआ देख रहे हैं। इतना ही नहीं, भारतीय मूल का ही व्यक्ति उनका प्रधानमंत्री है।’’
राज्यपाल ने कहा कि इसलिए वे हर अवसर का इस्तेमाल करना चाहते हैं, साथ ही भारत के कमतर साबित करने का मौका चाहते हैं। खान ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि इस मुद्दे पर और चर्चा करने की जरूरत है। इनसे उस तिरस्कार के साथ व्यवहार किया जाना चाहिए, जिसके यह हकदार हैं।’’
राज्य के कॉलेजों समेत कई जगहों पर मंगलवार को यह वृत्तचित्र प्रदर्शित किया गया। इसके प्रदर्शन के विरोध में भारतीय जनता पार्टी की युवा इकाई ने विरोध किया। केंद्र ने पिछले सप्ताह यूट्यूब के कई वीडियो और वृत्तचित्र के लिंक साझा करने वाले ट्विटर पोस्ट को ब्लॉक करने का निर्देश दिया था।