राष्ट्रपति मुर्मू ने PBKIVV के ‘डिवाइन लाइट हाउस’ की रखी आधारशिला
मुर्मू ने कहा कि मानवता के लिए भौतिक और आध्यात्मिक विकास दोनों आवश्यक हैं।
भुवनेश्वर: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय (पीबीकेआईवीवी) के ‘डिवाइन लाइट हाउस’ की बृहस्पतिवार को आधारशिला रखी और "सकारात्मक परिवर्तन का वर्ष" थीम की शुरुआत की जिसके तहत वर्ष भर संगोष्ठी व सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। राष्ट्रपति अपने गृह राज्य ओड़िशा के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। उन्होंने राज्य की राजधानी में तमांडो के पास दसाबटिया में पीबीकेआईवीवी के कार्यक्रम में शिरकत की थी और राष्ट्रीय राजधानी के लिए रवाना होने से पहले उन्होंने ब्रह्मा कुमारियों के साथ दोपहर का भोज किया।
इस मौके पर राष्ट्रपति ने कहा कि प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सिर्फ एक संगठन नहीं है, बल्कि महिलाओं द्वारा चलाया जाने वाला एक सामाजिक और आध्यात्मिक अभियान भी है।
मुर्मू ने कहा कि मानवता के लिए भौतिक और आध्यात्मिक विकास दोनों आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी परिवर्तन की संवाहक है और विकास के लिए परिवर्तन अपरिहार्य और आवश्यक है।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ भौतिकवादी परिवर्तन हमें खुशी दे सकते हैं लेकिन आध्यात्मिक मार्ग पर चलकर मानसिक शांति प्राप्त की जा सकती है।”.
मानवता को और अधिक सकारात्मक बनाने के लिए ब्रह्माकुमारी की उपयोगिता पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा, “ मैं अपनी ज़िदंगी में बहुत दुखद चरण से गुजरी हूं। मैं उन ज़ख्मों को कुरेदना नहीं चाहती हूं लेकिन मैं कहना चाहूंगी कि इस संगठन ने मुझे अपने जीवन में एक बार फिर से विश्वास बहाल करने में मदद की।”
वह अपनी जिंदगी की निजी तकलीफों के बारे में बात कर रही थी जब उनके दो बेटों की अलग अलग कारणों से बहुत कम अवधि में मृत्यु हो गई थी तथा उनके पति का भी निधन हो गया था।
मुर्मू ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय ध्यान और अनुशासित जीवन-शैली के माध्यम से आध्यात्मिकता का मार्ग प्रशस्त कर रहा है।
उन्होंने कहा, “ समय-समय पर कुछ नकारात्मक विचार हमारे मन को परेशान करते हैं। आत्मनिरीक्षण की कमी के कारण हम नकारात्मक सोच का शिकार होने लगते हैं।”
राष्ट्रपति ने कहा कि मानव में सकारात्मकता बढ़ने के बाद नकारात्मकता खुद-ब-खुद गायब हो जाती है। उन्होंने कहा, “आज हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती नकारात्मक विचारों से छुटकारा पाकर सकारात्मकता की ओर बढ़ना है।”
अपने भाषण में राष्ट्रपति ने मानवता को जागरूक करने और लोगों को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ने में मदद करने के लिए ब्रह्मकुमारी संगठन के प्रयासों की सराहना की।.