मेरे नाम से कोई घर नहीं लेकिन मेरी सरकार ने लाखों बेटियों को मकान मालिक बनाया: प्रधानमंत्री मोदी
आज मैं संतुष्ट हूं क्योंकि मेरी सरकार ने देश भर में लोगों के लिए चार करोड़ घर बनाए हैं।
बोडेली (गुजरात) : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि उनके नाम पर कोई घर नहीं है, लेकिन उनकी सरकार ने देश की लाखों बेटियों को घर का मालिक बना दिया। दो दिवसीय दौरे पर मंगलवार को गुजरात पहुंचे मोदी राज्य के आदिवासी बहुल छोटा उदयपुर जिले के बोडेली शहर में शिक्षा क्षेत्र से संबंधित 4,500 करोड़ रुपये की परियोजनाओं सहित 5,000 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं की शुरुआत के मौके पर लोगों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि मैंने आपके साथ महत्वपूर्ण समय बिताया है, मैं गरीब लोगों के सामने आने वाले मुद्दों को जानता हूं और मैंने हमेशा उन मुद्दों को हल करने की कोशिश की है। आज मैं संतुष्ट हूं क्योंकि मेरी सरकार ने देश भर में लोगों के लिए चार करोड़ घर बनाए हैं। पिछली सरकारों के विपरीत, गरीबों के लिए एक घर हमारे लिए सिर्फ एक संख्या नहीं है। हम गरीबों के लिए घर बनाकर उन्हें सम्मान प्रदान करने का काम करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम गरीबों की जरूरतों के अनुसार घर बना रहे हैं, वह भी बिना किसी बिचौलिये के। लाखों घर बनाए गए और हमारी महिलाओं के नाम पर पंजीकृत किए गए। हालांकि मेरे नाम पर घर नहीं है, लेकिन मेरी सरकार ने लाखों बेटियों को घर का मालिक बना दिया।’’
मोदी ने यह भी कहा कि विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा गांधीनगर में गुजरात शिक्षा विभाग के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने उनसे देश भर में ऐसे केंद्र शुरू करने का आग्रह किया। इस केंद्र को ‘विद्या समीक्षा केंद्र’ के नाम से जाना जाता है।
उन्होंने कहा, ‘‘विश्व बैंक के अध्यक्ष (अजय बंगा) ने हाल ही में (गांधीनगर में) विद्या समीक्षा केंद्र का दौरा किया। बैठक के दौरान उन्होंने मुझसे भारत के सभी जिलों में ऐसे केंद्र शुरू करने का आग्रह किया और कहा कि विश्व बैंक इस परियोजना का हिस्सा बनने के लिए तैयार है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि तीन दशकों से अधर में लटकी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) आखिरकार उनकी सरकार लेकर आई। किसी का नाम लिए बिना मोदी ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि वे आरक्षण की राजनीति कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे मुख्यमंत्री बनने से पहले गुजरात के आदिवासी इलाकों में विज्ञान की पढ़ाई नहीं होती थी... अगर छात्र विज्ञान की पढ़ाई नहीं करेंगे तो उन्हें मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश कैसे मिलेगा।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने इस स्थिति को सुधारा।