कर्नाटक में बुधवार से सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल, मुख्यमंत्री ने मनाने का किया प्रयास
हड़ताल से परिवहन, अस्पतालों में सघन देखभाल और श्मशान घाटों जैसी कुछ सेवाओं को छोड़कर अधिकांश सेवाओं के प्रभावित होने की आशंका है।
हुब्बाली/बेंगलुरु : कर्नाटक में सरकारी कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं। इस बीच, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मंगलवार को यह कहते हुए सरकारी कर्मचारियों को मनाने का प्रयास किया कि प्रशासन सातवें वेतन आयोग की अंतरिम रिपोर्ट तुरंत मंगाकर उसे लागू करने के लिए तैयार है।
हड़ताल से परिवहन, अस्पतालों में सघन देखभाल और श्मशान घाटों जैसी कुछ सेवाओं को छोड़कर अधिकांश सेवाओं के प्रभावित होने की आशंका है।
कर्मचारियों ने राज्य सरकार के समक्ष तीन प्रमुख मांगें रखी हैं, जिनमें सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट को लागू करना, पुरानी पेंशन योजना को बहाल करना और कम से कम 40 प्रतिशत फिटमेंट सुविधाएं स्थापित करना शामिल है।
हुब्बाली में संवाददाताओं से बातचीत में बोम्मई ने कहा, “हमारे वरिष्ठ अधिकारी सरकारी कर्मचारी संघ और उसके अध्यक्ष के संपर्क में हैं और बातचीत कर रहे हैं। मैंने विधानसभा में पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि हम लोगों ने ही सातवां वेतन आयोग बनाया था और यह 2023-24 में ही लागू हो जाएगा। इसके लिए बजट में राशि आवंटित कर दी गई है।”
उन्होंने आगे कहा कि कर्मचारियों की मांग एक अंतरिम रिपोर्ट मंगवाना और उसे लागू करना है, जिसे मान लिया गया है। बोम्मई ने कहा, “हम सातवें वेतन आयोग को तत्काल अंतरिम रिपोर्ट सौंपने और इसे लागू करने का निर्देश देने के लिए तैयार हैं।