मणिपुर पुलिस ने राहुल गांधी के काफिले को बिष्णुपुर में रोका

Rozanaspokesman

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मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

फोटो साभार-PTI

इंफाल:  कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के काफिले को मणिपुर पुलिस ने इंफाल से 20 किलोमीटर दूर बिष्णुपुर में बृहस्पतिवार को रोक दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। राहुल मणिपुर के अपने दो दिवसीय दौरे के लिए बृहस्पतिवार को इंफाल पहुंचने के बाद चुराचांदपुर जिले के लिए रवाना हुए थे, जहां उनके हिंसा के कारण विस्थापित हुए लोगों से राहत शिविरों में मिलने की योजना है।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि रास्ते में हिंसा की आशंका के चलते काफिले को रोका गया। उन्होंने बताया कि बिष्णुपुर जिले के उटलू गांव के पास राजमार्ग पर टायर जलाए गए और काफिले पर कुछ पत्थर फेंके गए। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ हमें ऐसी घटनाओं के फिर होने की आशंका है और इसलिए एहतियाती तौर पर काफिले को बिष्णुपुर में रुकने का अनुरोध किया गया।’’

कांग्रेस पदाधिकारी आगे बढ़ने के वास्ते सुरक्षित रास्ता सुनिश्चित करने के लिए पुलिस और सेना के अधिकारियों से बात कर रहे हैं।

गौरतलब है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के बीच मई की शुरुआत में भड़की जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें शुरू हुई थीं।

मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है।