किशोर की हत्या का मामला: न्यायालय ने CBI जांच की याचिका पर दिल्ली सरकार को किया नोटिस जारी
12 सितंबर को यहां बवाना पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 363 (अपहरण) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।
New Delhi: उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 2014 में एक 12 वर्षीय किशोर के अपहरण और हत्या के मामले में उसके पिता की ओर से दायर CBI जांच का अनुरोध करने वाली याचिका पर दिल्ली सरकार को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया है।
न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यन और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI), दिल्ली सरकार और पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा) को नोटिस जारी किया और बच्चे के पिता और सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी सतीश कुमार द्वारा दायर याचिका पर उनसे जवाब मांगा। कुमार ने दिल्ली उच्च न्यायालय के सात दिसंबर, 2022 के एक आदेश को चुनौती दी थी, जिसने मामले को सीबीआई को स्थानांतरित करने से इनकार कर दिया था।
कुमार की ओर से पेश अधिवक्ता अश्विनी कुमार दुबे ने शीर्ष अदालत को बताया कि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से नहीं की गई है और उच्च न्यायालय ने जांच को CBI को स्थानांतरित नहीं करके गलती की है।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, 11 सितंबर 2014 को सुबह करीब साढ़े 10 बजे सतीश की पत्नी ने उन्हें बताया कि उनका लड़का हेमंत लापता है, इसके बाद 12 सितंबर को यहां बवाना पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 363 (अपहरण) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।
इसके बाद लड़के का शव हरियाणा के हलालपुर गांव से बरामद किया गया और प्राथमिकी में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और धारा 201 (सबूत मिटाना) जोड़ी गई। पुलिस ने जांच के दौरान दो लोगों (सुनील और रंजीत) को शव मिलने के स्थान पर उनके मोबाइल फोन की स्थिति के आधार पर गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में दोनों को पुलिस ने छोड़ दिया।