12th fail Real Story: जानें कौन है '12th फेल' के असली हिरो IAS मनोज शर्मा, जुनून और ज़िद ने दिलाई थी सफलता

Rozanaspokesman

मनोरंजन, बॉलीवुड

फिल्म में आईपीएस अधिकारी मनोज शर्मा द्वारा आईपीएस बनने के सफर में किए गए स्ट्रगल और संघर्ष को दिखाया गया है.

12th fail Real Story

 Know who is the real hero of 12th failure IAS Manoj Sharma: विक्रांत मैसी स्टारर '12 वीं फेल'  इन दिनों खूब सुर्खियां बटोर रहा हैं. फिल्म की कहानी और उसमें IAS बनने के लिए एक साधारण से लड़के के जुनून और ज़िद को सभी सलाम कर रहे हैं. फिल्म में एक प्यारी सी लव-स्टोरी भी दिखाई गई है जो लोगों के दिल को छू रही है. पर क्या आपको पता है कि फिल्म कोई काल्पनिक कहानी है  बल्कि यह आईपीएस अधिकारी मनोज शर्मा की रियल कहानी को दिखाती है. 

फिल्म में आईपीएस अधिकारी मनोज शर्मा द्वारा आईपीएस बनने के सफर में किए गए स्ट्रगल और संघर्ष को दिखाया गया है. फिल्म में विक्रांत मैसी ने मनोज का किरदार निभाया है, जो अपने अभिनय से सभी का दिल जीत रहे हैं.  तो चलिए आज आपको असली 12 फेल के हिरो से रूबरू करवाते हैं. 


कौन है 12 वीं फेल के असली हिरो IAS मनोज शर्मा

आईपीएस अधिकारी मनोज शर्मा मध्य प्रदेश के मुरैना के एक छोटे से गांव बिलगांव से ताल्लुक रखते हैं. उनका जन्म 1977 में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था. उनके पिता जी कृषि विभाग में काम करते थे. मनोज शर्मा ने बचपन से ही मुल जरुरत के चीजों के लिए भी काफी संघर्ष किया है. बात अगर मनोज कुमार की करें तो उन्हें पढ़ाई-लिखाई में कुछ ज्यादा रुची नहीं थी. वो बस किसी भी तरह चिटींग करके पास हो जाते थे. 

उन्होंने बोर्ड परीक्षा 10 वीं भी थर्ड डिवीजन से पास किया। वहीं '12 वीं में वो फेल ही हो गए. वो बस 12 वीं पास कर एक चपरासी बनना चाहते थे. पर 12 वीं में फेल होने के बाद उनका यह सपना भी टूटा। फिर वो पढ़ाई छोड़ अपने भाई के साथ ऑटों चलाने लगे थे. इस बीच उनकी मुलाकात वहां के एसडीएम (SDM)  से हुई.  फिर क्या यह मुलाकात उनके जावन को बदलने के लिए काफी था. अब उन्होंने जिंदगी में कुछ बनने की ठानी।

SDM बनना चाहते थे मनोज शर्मा

वह अपने एसडीएम (SDM)  की तरह ही एक एसडीएम बनने की तैयारी में लग गए. उन्होंने मन लगाकर पढ़ाई की और 12 वीं में थर्ड डिवीजन से पास हुए. उन्होंने इसी तरह अपना ग्रेजुएशन भी पास किया। उन्होंने अपनी पढ़ाई हिंदी मिडीयम से की थी. जब वो एसडीएम (SDM)  बनने के लिए ग्वालियर आए तो उस साल एसडीएम (SDM) भर्ती केंसिल कर दी गई. उनका सपना टूट गया. पर फिर उन्हें पता चला कि एसडीएम (SDM)  के ऊपर IAS  अधिकारी होते है. उनकी एसडीएम (SDM) से भी ज्यादा होती है. फिर उन्होंने IAS बनने की ठानी। 

अब वो IAS बनने के लिए दिल्ली पहुंचे। पर उनके पास ना तो पैसे थे ना ही रहने के लिए जगह और नाही पढ़ाई के लिए कोई सुविधा। यहां से ही उनकी संघर्ष की जर्नी शुरू हुई. वो पढ़ाई करने  के लिए कई तरह के काम करते थे. वो दिन में लाईब्रेरी में काम करते और रात को पढ़ते थे. बताया जाता है कि बताया जाता है कि भिखारियों के साथ सोते थे. उन्होंने कई छोटे-मोटे काम कर आईएएस की तैयारी की. उन्होंने जब पहला अटैंप्ट दिया तो वो फेल हो गए. वो लागातार तीन अटैम्प्ट में फेल हुए. 

 IAS की तैयारी करते हुई थी श्रद्धा जोशी से मुलाकात

जब वो  IAS के लिए कोचिंग कर रहे थे तब ही उनकी मुलाकात उत्तराखंड की श्रद्धा जोशी  से हुई थी. वो आईआरएस अधिकारी बनने की तैयारी कर रही थी. दोनों ने साथ में काफी समय बिताया इस दौरान दोनों में प्यार हुआ.  श्रद्धा ने मनोज शर्मा का काफी साथ दिया। और फिर अपने चौथे अटैम्प्ट में मनोज शर्मा ने अपने सपने को पा लिया। 

बता दें कि आज मनोज शर्मा मुंबई पुलिस में काम कर रहे हैं. उन्होंने अपने सपने को पाने के लिए जो भी संघर्ष किया वो सभी युवाओं के लिए एक प्रेरणा है. इस फिल्म के जरिए  विधु विनोद चोपड़ा ने मनोज शर्मो की कहानी को लोगों के सामने बड़े ही सरलता से उतारा है. 

सोनू सूद ने मनोज शर्मा को किया सलाम

बता दें कि फिल्म की हर कोई तारीफ कर रहा है. वहीं बॉलीवूड एक्टर सोनू सूद ने  भी फिल्म की सराहना की और मनोज शर्मा को भी सलाम किया। उन्होंने ट्वीटर पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा,तुम पर बहुत गर्व है मेरे भाई मनोजशर्माआईपीएस। फिल्म "12वीं फेल" बहुत पसंद आई जो आपके जीवन पर आधारित है.. विक्रांत मैसी आप शानदार थे मेरे भाई।  विधु सर, आप जैसे फिल्म निर्माता हमारे सिनेमा को जीवित रखते हैं। 

गौरतलब है कि फिल्म 12वीं फेल बॉक्स ऑफिस पर कमाल कर चुकी है.  फिल्म रेटिंग के मामले में 'ओपनेहाइमर' को भी पीछे छोड़ चुकी है.