कीचड़ में सोते बच्चों की यह मार्मिक तस्वीर AI जनरेटेड है, फैक्ट चेक रिपोर्ट

फेक्ट चैक

इस तस्वीर में 2 बच्चों को कीचड़ से भरे टेंट में सोते हुए देखा जा सकता है।

Fact Check AI Generated Image Of Children Sleeping In A Tent Full Of Mud Shared As Real

RSFC (Team Mohali)- पिछले दिनों में पंजाब समेत आसपास के इलाकों में भारी ओलावृष्टि देखने को मिली। अब इससे जुड़ी एक तस्वीर वायरल हो रही है। इस तस्वीर में 2 बच्चों को कीचड़ से भरे टेंट में सोते हुए देखा जा सकता है। यूजर्स इस तस्वीर को असल अमझ कर वायरल कर रहे हैं।

इस तस्वीर कई सारे यूज़र्स असल समझ कर वायरल कर रहे हैं। कुछ वायरल पोस्ट नीचे क्लिक कर देखें जा सकते हैं।

रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर AI जेनरेटेड है। लोग इस तस्वीर को भ्रामक दावों के साथ वायरल कर रहे हैं।

स्पोक्समैन की पड़ताल

पड़ताल की शुरुआत में हमने सबसे पहले इस तस्वीर को ध्यान से देखा। आपको बता दें कि तस्वीर में दिख रहे बच्चे के पैरों का आकार सामान्य पैरों जैसा नहीं है और इस तस्वीर पर BingAI by LB लिखा हुआ है। आपको बता दें कि ये चीजें तस्वीर को AI जेनरेटेड के रूप में पेश करती हैं क्योंकि AI द्वारा बनाई गई तस्वीरों में अक्सर ऐसी गलतियां देखी जाती हैं।

अब हमने इस तस्वीर को hivemoderation.com पर चेक किया। यह वेबसाइट AI द्वारा बनाई गई तस्वीरों की पहचान करती है। आपको बता दें कि इस वेबसाइट यह तस्वीर 98.7% रेटिंग के साथ एआई जेनरेटेड बताई गई। जिससे साफ है कि यह तस्वीर AI जेनरेटेड है।

आपको बता दें कि इस तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें ऐसे कई पोस्ट मिले जिनमें इस तस्वीर को AI जेनरेटेड बताया गया है।

AI या Deepfake की पहचान कैसे की जा सकती है?

1. आंखों की अप्राकृतिक गतिविधियां: आंखों की अप्राकृतिक गतिविधियों पर ध्यान दें, जैसे पलकें झपकाना या अनियमित गतिविधियां।

2. रंग और रोशनी में मेल: चेहरे और पृष्ठभूमि में रंग और रोशनी को ध्यान से देखें क्योंकि यह रंग और रोशनी में मेल नहीं खाता है।

3. ऑडियो गुणवत्ता: ऑडियो गुणवत्ता की तुलना करें और देखें कि ऑडियो होठों की गति से मेल खाता है या नहीं।

4. दृश्य विसंगतियाँ: दृश्य विसंगतियों का विश्लेषण करें, जैसे शरीर का अजीब आकार या चेहरे की हरकतें, चेहरे की विशेषताओं की अप्राकृतिक स्थिति, या अजीब मुद्रा।

5. रिवर्स इमेज सर्च: वीडियो या व्यक्ति की तस्वीर रिवर्स इमेज सर्च करके देखें कि वे असली हैं या नहीं।

6. वीडियो मेटाडेटा: वीडियो मेटाडेटा की जांच करें और देखें कि क्या इसे बदला या संपादित किया गया है।

7. डीपफेक डिटेक्शन टूल: ऑनलाइन प्लेटफॉर्म या ब्राउज़र एक्सटेंशन पर डीपफेक डिटेक्शन टूल का उपयोग करें, जो संदिग्ध वीडियो को चिह्नित कर सकते हैं।

निष्कर्ष- रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर AI जेनरेटेड है। लोग इस तस्वीर को भ्रामक दावों के साथ वायरल कर रहे हैं।