5 साल पुराना वीडियो वायरल कर हिंदू-सिख एकता भंग करने का प्रयास, फैक्ट चेक रिपोर्ट
रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में वायरल पोस्ट को भ्रामक पाया है।
RSFC (Team Mohali)- सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक सिख व्यक्ति को एक प्रवासी साइकिल चालक को पीटते हुए देखा जा सकता है। इस वीडियो को हालिया बताकर वायरल कर सिखों को खालिस्तानी बताकर पंजाब में हिंदुओं पर अत्याचार का दावा किया जा रहा है। वीडियो वायरल कर प्रवासी शख्स को न्याय दिलाने की मांग की जा रही है।
एक्स अकाउंट "हम लोग We The People" ने वायरल वीडियो शेयर किया और लिखा, "पंजाब खालिस्तानी द्वारा पीटे जा रहे इस गरीब हिंदू को न्याय मिलना चाहिए.- यह सोशल मीडिया पर सबसे दुखद वीडियो है, मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि इस जानवर को सलाखों के पीछे डालने हेतु ज्यादा से ज्यादा प्रसारित करें।"
रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में वायरल पोस्ट को भ्रामक पाया है। ये वायरल वीडियो अभी का नहीं बल्कि जुलाई 2018 का है। आपको बता दें कि 2018 में वीडियो वायरल होने के बाद सिख शख्स ने वीडियो स्टेटमेंट जारी कर माफी मांगी थी।
स्पोक्समैन की पड़ताल
पड़ताल शुरू करते हुए हमने सबसे पहले इस वीडियो को ध्यान से सुना। हमने पाया कि सिख व्यक्ति केश (बालों) खरीदने के लिए प्रवासी व्यक्ति की पिटाई कर रहा था। इस जानकारी को ध्यान में रखते हुए हमने कीवर्ड सर्च के जरिए मामले से जुड़ी खबरें खोजनी शुरू कीं।
वायरल वीडियो 2018 का है
हमें यह वीडियो कई पुराने पोस्ट पर अपलोड हुआ मिला। हमें सबसे पुरानी पोस्ट 2018 की मिली हैं। फेसबुक पेज "चैनल पंजाब" ने 10 जुलाई 2018 को वायरल वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "एक गरीब व्यक्ति को रोजी रोटी कमाने के लिए बाल खरीदने महंगे पड़े।"
इस जानकारी के बाद काफी सर्च करने पर हमें वायरल वीडियो में दिख रहे सिख शख्स का स्पष्टीकरण वीडियो मिला।
फेसबुक पेज "M Singh Haddi Walia" ने इस वीडियो को 31 जुलाई 2018 को शेयर किया था। पेज ने 2 वीडियो शेयर किए। पहला वीडियो एक सिख व्यक्ति के स्पष्टीकरण का था और दूसरा वीडियो लोकजन शक्ति पार्टी के कार्यकर्ताओं का था।
सिख शख्स ने वीडियो जारी कर माफी मांगी और साथ ही लोकजन शक्ति पार्टी के कार्यकर्ताओं ने साफ कर दिया कि प्रवासी का सामान तोड़ने का खर्च सिख शख्स ने उठाने की बात स्वीकार कर ली है।
"रोज़ाना स्पोक्समैन के वीडियो के स्थान और तारीख की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं करता है, लेकिन इस बात की पुष्टि करता है कि वीडियो जुलाई 2018 से वायरल है और प्रवासी की पिटाई करने वाले सिख व्यक्ति ने माफी भी मांगी ली थी।"
निष्कर्ष- रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में वायरल पोस्ट को भ्रामक पाया है। ये वायरल वीडियो अभी का नहीं बल्कि जुलाई 2018 का है। आपको बता दें कि 2018 में वीडियो वायरल होने के बाद सिख शख्स ने वीडियो स्टेटमेंट जारी कर माफी मांगी थी।