हमास लड़ाकों ने इजराइली बच्चों को पिंजरे में किया कैद? Fact Check रिपोर्ट
यह वीडियो इजरायल-फिलिस्तीनी युद्ध से पहले बनाया गया था और इसका युद्ध से कोई लेना-देना नहीं है।
RSFC (Team Mohali)- सोशल मीडिया इजराइल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे युद्ध के वीडियो-तस्वीरों से भरा पड़ा है। इस युद्ध को लेकर कई पुराने वीडियो और भ्रामक दावे भी वायरल हो चुके हैं। अब इसी तरह एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें बच्चों को पिंजरे में बंद देखा जा सकता है। अब दावा किया जा रहा है कि फिलिस्तीनी इस्लामी आतंकवादियों द्वारा अगवा किए गए इजरायली बच्चों को मुर्गियों के पिंजरों में बंधक बनाकर रखा जा रहा है।
फेसबुक पेज Shamsher Singh Moolniwasi ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, "बेहद शर्मनाक ???????? फिलिस्तीनी इस्लामिक आतंकवादियों द्वारा अगवा किए गए इजरायली बच्चों को मुर्गियों के पिंजरे में रखा जा रहा है।"
रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी जांच में वायरल दावे को भ्रामक पाया है। यह वीडियो इजरायल-फिलिस्तीनी युद्ध से पहले बनाया गया था और इसका युद्ध से कोई लेना-देना नहीं है।
स्पोक्समैन की पड़ताल
पड़ताल शुरू करते हुए हमने सबसे पहले इस वीडियो के कीफ्रेम्स निकाले और उन पर रिवर्स इमेज सर्च किया।
हमें ट्विटर पर इस वीडियो के बारे में "Fake Reporter" नाम के अकाउंट से एक ट्वीट मिला। जानकारी देते हुए अकाउंट ने स्पष्ट किया कि वीडियो 5 अक्टूबर को टिकटॉक पर अपलोड किया गया था और यह वीडियो इजरायल और फिलिस्तीन के बीच युद्ध छिड़ने से पहले अपलोड किया गया था।
अकाउंट से जानकारी दी गई, ''पिंजरे में बंद बच्चों का यह वीडियो टिकटॉक अकाउंट से हटा दिया गया है और इस वीडियो का मूल लिंक भी अब हटा दिया गया है। हमें इस वीडियो का मूल स्थान नहीं पता है लेकिन हमारे पास इसका टाइम स्टैंप है (वीडियो के अपलोड की तारीख) जो पुष्टि कर सकता है कि यह वीडियो कम से कम 5 दिन पहले अपलोड किया गया था। हम इस वीडियो के स्क्रीनशॉट साझा कर रहे हैं।"
बता दें कि FakeReporter.net हिब्रू भाषा में एक खोज पहल है।
अब हम आगे बढ़े और मामले के बारे में और अधिक खोजा। आपको बता दें कि हमें इस वीडियो के बारे में "https://kashif.ps/" पर एक लेख मिला जिसमें इस वीडियो को बनाने वाले व्यक्ति का बयान शामिल था।
खबर के मुताबिक, वीडियो को "ओप्रेस्ड फिबा लेडी" अकाउंट द्वारा शेयर किया गया था और अकाउंट के मालिक, गाजा पट्टी के एक युवक ने 11 अक्टूबर 2023 को एक वीडियो क्लिप के माध्यम से अपने वीडियो के बारे में स्पष्टीकरण साझा किया था।
उस व्यक्ति ने पुष्टि की कि वायरल वीडियो क्लिप में दिख रहे बच्चे उसके रिश्तेदार थे, इजरायली बच्चे नहीं और उसने युद्ध से तीन दिन पहले वीडियो साझा किया था।
साफ था कि वायरल वीडियो का इजरायल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे युद्ध से कोई लेना-देना नहीं है।
निष्कर्ष - रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी जांच में वायरल दावे को भ्रामक पाया है। यह वीडियो इजरायल-फिलिस्तीनी युद्ध से पहले बनाया गया था और इसका युद्ध से कोई लेना-देना नहीं है।