सोशल मीडिया पर पत्रकार भी फैला रहे हैं किसानों के प्रति नफरत, पढ़ें इस वायरल वीडियो का असली सच!

फेक्ट चैक

वायरल वीडियो अप्रैल 2020 से इंटरनेट पर मौजूद है और इसका हालिया किसानों के संघर्ष से कोई लेना-देना नहीं है।

Fact Check Old video viral by senior journalist to defame farmers

RSFC (Team Mohali)-  किसान संघर्ष 2024 को लेकर सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार तेज होता जा रहा है। सिर्फ आम जनता ही नहीं बल्कि वरिष्ठ पत्रकार भी किसानों के खिलाफ नफरत फैला रहे हैं। इसी कड़ी में कुछ पत्रकारों द्वारा बिना जांचे सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल किया जा रहा है। इस वीडियो में एक शख्स को शराब बांटते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो हालिया किसान संघर्ष का है।

अनुपम मिश्रा नाम के एक पत्रकार ने वायरल वीडियो साझा किया और लिखा, "अन्नदाता अपने आंदोलन की खुराक लेते हुए ?

बता दें कि इस वीडियो को बिना जांचे एक वरिष्ठ पत्रकार द्वारा कोट ट्वीट किया गया।

रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को फर्जी पाया। वायरल वीडियो अप्रैल 2020 से इंटरनेट पर मौजूद है और इसका हालिया किसानों के संघर्ष से कोई लेना-देना नहीं है।

स्पोक्समैन की पड़ताल

जांच शुरू करने के लिए हमने सबसे पहले वायरल वीडियो को InVid टूल पर अपलोड किया और वीडियो के कीफ्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया। सर्च रिजल्ट से हमें यह वीडियो अप्रैल 2020 में अपलोड हुआ मिला।

इससे साफ है कि वायरल वीडियो का हालिया किसानों के संघर्ष से कोई लेना-देना नहीं है। फेसबुक पेज जिम जान दे शौकीन पंजाबी ने 11 अप्रैल 2020 को वायरल वीडियो शेयर किया और लिखा, "Kro tag sharabia nu"

रोज़ाना स्पोक्समैन इस वीडियो की आधिकारिक तारीख और स्थान की पुष्टि नहीं करता है लेकिन यह पुष्टि करता है कि वायरल वीडियो का किसानों के संघर्ष से कोई लेना-देना नहीं है।

''2020 में किसान संघर्ष के दौरान भी ये वीडियो वायरल हुआ था और उस वक्त भी स्पोक्समैन ने इस वीडियो की जांच की थी।'

निष्कर्ष- रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को फर्जी पाया। वायरल वीडियो अप्रैल 2020 से इंटरनेट पर मौजूद है और इसका हालिया किसानों के संघर्ष से कोई लेना-देना नहीं है।