Fact Check: मेवात में हुई हिंसा के दोषियों पर पुलिस का लाठीचार्ज? नहीं, मामला पटना का है
रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में वायरल पोस्ट को भ्रामक पाया है।
RSFC (Team Mohali)- सोशल मीडिया पर पुलिस लाठीचार्ज का एक वीडियो वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि मेवात (नूंह) में हुई हिंसा के दोषियों को पुलिस भगा-भगाकर लाठी मार रही है।
ट्विटर यूज़र Dinesh Kumar ने वायरल वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "ये लो पुलिस वालों ने बढ़िया प्रसाद दें दिया मेवात में दंगा कराने वालों को"
रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में वायरल पोस्ट को भ्रामक पाया है। यह वायरल वीडियो पटना का है जब भाजपा द्वारा बिहार सरकार के खिलाफ निकाली गई रैली के दौरान पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया था।
स्पोक्समैन की पड़ताल
पड़ताल शुरू करते हुए हमने सबसे पहले इस वीडियो को ध्यान से देखा और पाया कि यहां एक पोस्टर लगा हुआ है जिसके ऊपर "विधानसभा मार्च एंव लाजवंती झा" लिखा हुआ था। साथ ही हमने जब इस पोस्ट पर आए कमेंट्स को खंगाला तो कई यूज़र्स ने इस वीडियो को बिहार के पटना का बताया।
अब इस तमाम जानकारी को ध्यान रखते हुए हमने मामले को लेकर कीवर्ड सर्च किया। हमें इस मामले से जुड़ी कई खबरें मिली। दैनिक भास्कर की एक खबर के अनुसार 13 जुलाई को गांधी मैदान से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में सरकार के खिलाफ विधानसभा मार्च निकाला गया था। जिसमें प्रदेश अध्यक्ष, सांसद, विधायक समेत सैकड़ों कार्यकर्ताओ ने गांधी मैदान से डाकबंगला होते हुए विधानसभा मार्च के लिए जा रहे थे। जहां डाकबंगला चौराहे पर पुलिस के द्वारा प्रदर्शनकारियों को रोकने के दरमियान बेरिकेट तोड़े जाने पर लाठीचार्ज कर दिया था। साथ ही आंसू गैस के गोले, वाटर कैनन से पानी की बौछार भी किया गया था। जिसमें सांसद, विधायक समेत दर्जनों कार्यकर्ता घायल हुए थे। वही, एक भाजपा नेता विजय सिंह की मौत भी हो गई थी।
क्योंकि इस खबर में लाठीचार्ज को डाकबंगला चौराहे का बताया गया इसिलिए हमने गूगल मैप्स पर लोकेशन से जुडी तस्वीरें खंगालनी शुरू की। बता दें कि हमें वायरल वीडियो में दिख रही समान लोकेशन मिली। नीचे दिए गए कोलाज में आप समान दुकानें हमारे गूगल मैप्स के नतीजों में देख सकते हैं।
बता दें हमें इस लाठीचार्ज से जुड़े कई समान वीडियो मिले। वीडियो से मिलता-जुलता समान दृश्य का वीडियो नीचे देखा जा सकता है।
नतीजा- रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में वायरल पोस्ट को भ्रामक पाया है। वायरल यह वीडियो पटना का है जब भाजपा द्वारा बिहार सरकार के खिलाफ निकाली गई रैली के दौरान पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया था।