भारतीय तेज गेंदबाज शमी को रोज़ा (धार्मिक उपवास) तोड़ने के लिए किया गया था मजबूर? नहीं, वायरल वीडियो डीपफेक है

Rozanaspokesman

फेक्ट चैक

स्पोक्समैन ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा फर्जी है

Indian pacer Shami forced to break his Roza (religious fast)? No factcheck News in hindi

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी अपने धार्मिक उपवास "रोज़ा" को तोड़ने के लिए माफ़ी मांग रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि उन्हें इसे तोड़ने के लिए मजबूर किया गया था और उन्होंने सिर्फ़ अपना क्रिकेट करियर बचाने के लिए ऐसा किया था।

इंस्टाग्राम अकाउंट "प्रोधानी क्रिएशन्स" ने तेज़ गेंदबाज़ शमी रील शेयर करते हुए लिखा, "मोहम्मद शमी ने अपने उपवास को तोड़ने के कारणों को समझाया 🔥मोहम्मद शमी ने अपने उपवास को तोड़ने के लिए खेद व्यक्त किया और माफ़ी मांगी"

स्पोक्समैन ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा फर्जी है और यह वीडियो एक डीपफेक कंटेंट है। शमी ने अपने रोजा तोड़ने के बारे में वायरल दावे जैसा कोई दावा नहीं किया है।

Investigation

अपनी जांच शुरू करते हुए, हमने सबसे पहले इस वीडियो को ध्यान से देखा। हमने वीडियो में लिपसिंक के बेमेल होने पर गौर किया। हमें यहां शक हुआ कि वायरल वीडियो एडिटेड है।

दूसरे चरण में, हमने वीडियो के कीफ्रेम निकाले और उन पर रिवर्स इमेज सर्च किया।

"वायरल वीडियो डीपफेक है"

हमें पिछले साल स्पोर्ट्सनेक्स्ट द्वारा शेयर किया गया ओरिजिनल वीडियो मिला। इस वीडियो में भारतीय तेज गेंदबाज अपने प्रशंसकों और देशवासियों को ईद की मुबारकबाद देते हुए नजर आ रहे हैं।

क्यूंकि यह वीडियो अप्रैल 2024 का है, इसिलए साफ़ है कि वायरल वीडियो एडिटेड है।

Conclusion

स्पोक्समैन ने अपनी जांच में पाया कि वायरल दावा फर्जी है और यह वीडियो एक डीपफेक कंटेंट है। शमी ने अपने रोजा तोड़ने के बारे में वायरल दावे जैसा कोई दावा नहीं किया है।