फिलिस्तीनी घायल होने का नाटक नहीं कर रहे हैं, यह वीडियो एक फ़िल्म की शूटिंग का हिस्सा था

Rozanaspokesman

फेक्ट चैक

यह वीडियो हाल का भी नहीं बल्कि 2017 का है। इस वीडियो का हालिया इजरायली-फिलिस्तीनी युद्ध से कोई लेना-देना नहीं है।

Fact Check Video of Movie shoot makeup viral with fake claim

RSFC (Team Mohali)- इजराइल-फिलिस्तीन के बीच चल रहे युद्ध को लेकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक महिला मेकअप करके कुछ लोगों को घायल दिखा रही है। अब दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो फिलिस्तीन से सामने आया है जहां लोग घायल होने का नाटक कर दुनिया को गुमराह कर रहे हैं।

एक्स अकाउंट 'प्रीति यादव' ने वायरल वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ''इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ विक्टिम कार्ड में आपका स्वागत है। यहां आप सीख सकते हैं कि कैसे पूरा मेकअप करना है और केमिकल का इस्तेमाल करके रोना है और फिर #ISRAEL को दोष देना है। इस यूनिवर्सिटी में महिलाओं और छोटे बच्चों के लिए विशेष छूट है।"

रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो एक फिल्म शूट का हिस्सा था और यह वीडियो हाल का भी नहीं बल्कि 2017 का है। इस वीडियो का हालिया इजरायली-फिलिस्तीनी युद्ध से कोई लेना-देना नहीं है।

स्पोक्समैन की पड़ताल

पड़ताल शुरू करते हुए हमने सबसे पहले इस वीडियो को ध्यान से देखा और वीडियो के कीफ्रेम्स निकाल कर उन्हें गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया।

वायरल वीडियो 2017 का है

हमें फरवरी 2019 में यूट्यूब पर 'आई लव इज़राइल' अकाउंट द्वारा शेयर किया गया यह वीडियो मिला। इस वीडियो को गौर से देखने पर हमने पाया कि यह वीडियो टीआरटी वर्ल्ड द्वारा बनाया गया है क्योंकि इसमें इसका लोगो देखा जा सकता है।

टीआरटी "तुर्की रेडियो और टेलीविजन कॉर्पोरेशन" सेवा है। अब हमने इस जानकारी को ध्यान में रखते हुए कीवर्ड सर्च किया और हमें टीआरटी वर्ल्ड द्वारा 2 मार्च, 2017 को उनके यूट्यूब अकाउंट पर शेयर किया गया मूल वीडियो मिला। यहां वीडियो अपलोड करते हुए लिखा गया, "फिलिस्तीनी फिल्म इंडस्ट्री | सिनेमा | शोकेस"

इस रिपोर्ट के मुताबिक, वायरल वीडियो में मेक-अप आर्टिस्ट मरियम सलाह का जिक्र किया गया था, जिन्होंने गाजा फिल्म इंडस्ट्री में अपनी बेहतरीन पहचान बनाई थी।

साफ था कि इस वीडियो का हालिया इजरायली-फिलिस्तीनी युद्ध से कोई लेना-देना नहीं है।

निष्कर्ष- रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो एक फिल्म शूट का हिस्सा था और यह वीडियो हाल का भी नहीं बल्कि 2017 का है। इस वीडियो का हालिया इजरायली-फिलिस्तीनी युद्ध से कोई लेना-देना नहीं है।