Fact Check: शिवसेना नेता अमित अरोड़ा की यह वायरल तस्वीर 2016 के एक मामले की है

Rozanaspokesman

फेक्ट चैक

रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को फर्जी पाया है।

Fact Check Fake News going viral in the name of shiv sena leader Amit Arora

RSFC (Team Mohali) -अपने भड़काऊ बयानों के कारण अक्सर सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय रहने वाले शिव सेना पंजाब के नेता अमित अरोड़ा की एक तस्वीर वायरल की जा रही है जिसके साथ दावा किया जा रहा है कि हिंदू नेता को 2 किलो चिट्टे (नशे की खेप) के साथ गिरफ्तार किया गया है। तस्वीर में अमित अरोड़ा को पुलिस हिरासत में देखी जा सकता है।

फेसबुक यूजर "Gurpreet Mangi" ने 17 सितंबर 2023 को वायरल तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, "शिवसेना नेता अमित अरोड़ा हिंदू जाट
2 किलो चिट्टे (नशे की खेप) के साथ गिरफ्तार किया गया है"

रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को फर्जी पाया है। यह तस्वीर हाल की नहीं बल्कि 2016 की है और शिवसेना नेता को हालिया दावे के मुताबिक किसी मामले में गिरफ्तार नहीं किया गया है।

स्पोक्समैन की पड़ताल

पड़ताल शुरू करते हुए हमने सबसे पहले कीवर्ड सर्च के जरिए इस मामले से जुड़ी खबरें ढूंढनी शुरू कीं।

वायरल तस्वीर 2016 की है

हमें इस वायरल दावे के संबंध में कई रिपोर्टें मिलीं। वायरल दावे के संबंध में अमित अरोड़ा का स्पष्टीकरण खबरों में साझा किया गया। अमित अरोड़ा ने अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल पर लाइव आकर वायरल दावे पर सफाई दी और कहा कि वायरल तस्वीर हाल की नहीं बल्कि 2016 की है। यह स्पष्टीकरण नीचे देखा जा सकता है:

क्या था असल मामला?

हमने स्पष्टीकरण में मौजूद जानकारी को ध्यान में रखते हुए तस्वीर के बारे में सर्च करना शुरू किया। आपको बता दें कि इस मामले को लेकर हमें कई पोस्ट खबरें मिलीं जिनमें वायरल तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था। पत्रकार "जगनंदन जी नंदन" ने 24 जून 2016 को वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन लिखा, "पुलिस ने करीब चार महीने पहले शिवसेना नेता पर हुए जानलेवा हमले के मामले को सुलझाने का दावा किया है। पुलिस के मुताबिक, अमित अरोड़ा द्वारा जानबूझकर साजिश के तहत यह ड्रामा रचा गया था, ताकि उसकी पुलिस सुरक्षा बढ़ सके। पुलिस कमिश्नर जतिंदर सिंह औलख ने दावा किया कि गोली नहीं चली थी। अमित के नौकर और सुरक्षा गार्ड कांस्टेबल ओम प्रकाश को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। अमित ने अपने नौकर को अपना मुंह बंद रखने और उसका समर्थन करने के लिए 1 लाख रुपये दिए थे, जबकि सुरक्षा गार्ड को पदोन्नति का लालच दिया गया था।

यहां मौजूद जानकारी को ध्यान में रखते हुए हमने कीवर्ड सर्च किया तो हमें समान जानकारी देने वाली मीडिया संस्थान जगबानी की खबर मिली। इस खबर को यहां क्लिक करके पढ़ा जा सकता है।

नतीजा- रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को फर्जी पाया है। यह तस्वीर हाल की नहीं बल्कि 2016 की है और शिवसेना नेता को हालिया दावे के मुताबिक किसी मामले में गिरफ्तार नहीं किया गया है।