Fact Check: गाजा के अस्पताल में विस्फोट को लेकर वायरल ये तस्वीरें पुरानी हैं
रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में वायरल पोस्ट को भ्रामक पाया।
RSFC (Team Mohali)- 18 अक्टूबर 2023 की सुबह-सुबह गाजा के एक अस्पताल में हुए भीषण विस्फोट में सैकड़ों लोगों के मारे जाने की खबर सामने आई। गाजा के स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि यह हमला इजराइल ने किया है और इसमें करीब 500 लोग मारे गए। हालांकि, इज़राइल ने इस आरोप से इनकार किया और दावा किया कि यह हमला गाजा में उसके अपने अस्पताल पर हमास द्वारा किया गया था।
खबर सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर घटना की तस्वीरों और वीडियो की बाढ़ आ गई। वहीं, इस मामले को लेकर कुछ पुरानी तस्वीरें भी वायरल हुईं। इसी क्रम में मामले को लेकर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें 3 तस्वीरें शामिल हैं।
* पहली तस्वीर में एक चैंबर के अंदर लाशें देखी जा सकती हैं।
* दूसरी तस्वीर में एक शख्स को स्ट्रेचर पर ले जाया जा रहा है।
* तीसरी तस्वीर में छोटे बच्चों के शव देखे जा सकते हैं।
दावा किया जा रहा है कि ये तस्वीरें गाजा के अस्पताल विस्फोट से जुड़ी हैं।
फेसबुक पेज "Social Concerns" ने वायरल तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, "मानवता का जघन्य नरसंहार" गाजा पट्टी के अल-अहली अरब अस्पताल पर इजरायली हवाई हमले में लगभग 500 लोग मारे गए। फिलिस्तीनी अधिकारियों का कहना है कि यह हमला इजरायल ने किया था और इजराइल इस हमले के पीछे इस्लामिक समूह का हाथ बता रहा है। .... आदि"
रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में वायरल पोस्ट को भ्रामक पाया। इन तीन तस्वीरों में से वायरल 2 तस्वीरें हाल की नहीं बल्कि पुरानी हैं और इनका गाजा के अस्पताल में हुए विस्फोट से कोई लेना-देना नहीं है।
स्पोक्समैन की पड़ताल
हमने एक-एक करके इन तस्वीरों की जांच शुरू की:
पहली तस्वीर (पहली तस्वीर एक कक्ष के अंदर लाशों को दिखाती है)
पहली तस्वीर हाल ही की है। गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें यह तस्वीर कई हालिया रिपोर्ट्स में प्रकाशित हुई मिली। news.abs-cbn ने 18 अक्टूबर 2023 की अपनी मुख्य खबर में यह तस्वीर शेयर की और बताया कि गाजा के अस्पताल में हुए विस्फोट में 200 लोगों की मौत हो गई है। आपको बता दें कि मीडिया संस्थान ने यह तस्वीर एएफपी के हवाले से शेयर की है।
दूसरी तस्वीर (दूसरी तस्वीर में एक व्यक्ति के शव को स्ट्रेचर पर ले जाते हुए दिखाया गया है)
दूसरी तस्वीर पुरानी है। हमें यह तस्वीर Al-Jazeera द्वारा 13 सितंबर 2023 को प्रकाशित एक रिपोर्ट में साझा की गई मिली। इस तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा गया, "13 सितंबर, 2023 को गाजा सिटी में अल-शिफा अस्पताल के बाहर इजरायल के साथ सीमा बाड़ के पास विस्फोट के दौरान मारे गए लोगों में से एक का शव फिलिस्तीनी ले जा रहे हैं। [महमूद हम्स/एएफपी]"
खबर के मुताबिक, यह तस्वीर एएफपी के पत्रकार महमूद हम्स ने ली थी और यह उस मौके की है जब आम नागरिक इजरायल-फिलिस्तीन सीमा के पास विस्फोट में मारे गए एक व्यक्ति का शव ले जा रहे थे। यह तस्वीर अल-शिफा अस्पताल के बाहर की है और आधिकारिक तौर पर यह 13 सितंबर, 2023 की है।
तीसरी तस्वीर (तीसरी तस्वीर में छोटे बच्चों के शव देखे जा सकते हैं)
तीसरी तस्वीर 2013 की है। गूगल रिवर्स इमेज के जरिए हमें यह तस्वीर National Geographic के 14 सितंबर 2013 के एक आर्टिकल में प्रकाशित मिली। इस तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा गया, ''21 अगस्त को रासायनिक हथियार के जहर के शिकार होने के तुरंत बाद दमिश्क, सीरिया में बच्चे मृत हुए थे।''
जानकारी के मुताबिक, यह तस्वीर सीरिया की हैं जहां 21 अगस्त 2013 को रासायनिक हथियारों के जहर के कारण बच्चों की मौत हो गई थी।
मतलब साफ था कि वायरल पोस्ट में इस्तेमाल की गई 2 तस्वीरें पुरानी हैं।
निष्कर्ष- रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में वायरल पोस्ट को भ्रामक पाया। इन तीन तस्वीरों में से वायरल 2 तस्वीरें हाल की नहीं बल्कि पुरानी हैं और इनका गाजा के अस्पताल में हुए विस्फोट से कोई लेना-देना नहीं है।