नहीं तोड़ी जा रही छोटे साहिबजादों की शहीदी दीवार, पढ़े फैक्ट चेक रिपोर्ट
रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में पाया कि छोटे साहिबज़ादों की शहीदी दीवार तोड़े जाने का वायरल दावा पूरी तरह फर्जी है।
RSFC (Team Mohali)- सोशल मीडिया पर एक दावा वायरल हो रहा है जिसके मुताबिक कुछ कार सेवा वाले बाबा श्री फतेहगढ़ साहिब में पवित्र गुरूद्वारे शहीदी दीवार को तोड़ने जा रहे हैं। दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि छोटे साहिबजादों वाली शहीदी दीवार के स्थान को भी खाली करवा दिया गया है।
एक ग्राफिक तस्वीर को शेयर करते हुए फेसबुक पेज 'सचियां मैं सच सुनवां' ने दावा किया कि श्री फतेहगढ़ साहिब स्थित छोटे साहिबजादों की शहीदी दीवार को तोड़ा जा रहा है।
फिलहात इस पोस्ट को पेज से हटा दिया गया है.
रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में पाया कि छोटे साहिबज़ादों की शहीदी दीवार तोड़े जाने का वायरल दावा पूरी तरह फर्जी है। इस दावे का खंडन खुद एसजीपीसी ने किया है।
स्पोक्समैन की पड़ताल
पड़ताल शुरू करते हुए हमने सबसे पहले इस मामले पर कीवर्ड सर्च किया।
SGPC ने वायरल दावे का खंडन किया
हमें एक्स प्लेटफॉर्म पर एसजीपीसी का एक ट्वीट मिला जिसमें इस मामले से जुड़े दावे का खंडन किया गया है। 17 अक्टूबर 2023 को एसजीपीसी ने इस दावे का खंडन किया और लिखा, "संगत जी, सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे इस पोस्ट में गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब की शहीदी दीवार के बारे में जानकारी झूठी है। ऐसे पोस्ट अक्सर सिख संगठन एसजीपीसी के प्रशासन को बदनाम करते हैं। इस पोस्ट में साझी की गई तस्वीर पुरानी है, जो श्री फतेहगढ़ साहिब की नहीं है। दशम पातशाहजी के छोटे साहिबजादों की शहीदी दीवार सुरक्षित है और रहती दुनिया तक सुरक्षित रहेगी।''
इसी सर्च के दौरान हमें एसजीपीसी के आधिकारिक फेसबुक पेज पर इस मामले से संबंधित एक स्पष्टीकरण वीडियो भी मिला। इस वीडियो में श्री फतेहगढ़ साहिब मैनेजमेंट के प्रधान वायरल दावे को फर्जी बता रहे हैं।
अब हमने अंतिम पुष्टि के लिए अपने अमृतसर प्रभारी पत्रकार सरवन रंधावा से बात की। हमारे साथ बात करते हुए सरवन रंधावा ने वायरल दावे को फर्जी बताया और स्पष्ट किया कि वायरल दावे का SGPC ने खंडन किया है।
निष्कर्ष- रोज़ाना स्पोक्समैन ने अपनी पड़ताल में पाया कि छोटे साहिबज़ादों की शहीदी दीवार तोड़े जाने का वायरल दावा पूरी तरह फर्जी है। इस दावे का खंडन खुद एसजीपीसी ने किया है।